दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थिति 50 बेड से ज्यादा की क्षमता वाले सभी निजी अस्पतालों को 40 प्रतिशत बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व रखना होगा। यह आदेश दिल्ली दिल्ली सरकार ने मंगलवार को जारी किया। दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस के 5481 नए मिले और तीन मरीजों की इसके कारण मौत हुई।
दिल्ली में कोरोना की रफ्तार ने प्रशासन और लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इस बीच यहां डॉक्टरों की मौजूदगी का भी संकट खड़ा हो गया है। अधिकारियों के मुताबिक अब तक एम्स (AIIMS) यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के 50 और सफदरजंग हॉस्पिटल के 26 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। कुछ वक्त पहले राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में 38 डॉक्टरों समेत 45 हेल्थ वर्कर्स कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और ओमिक्रॉन के खतरे के मद्देनजर वीकेंड कर्फ्यू लगा दिया गया है। यानी शनिवार और रविवार को दिल्ली पूरी तरह बंद रहेगी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को डीडीएमए (DDMA) यानी दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक के बाद इस बात की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी ऑफिस में कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा जाएगा। वहीं, प्राइवेट ऑफिस 50 प्रतिशत कैपेसिटी के साथ काम करेंगे।
आपको बता दें कि दिल्ली में कोरोना को लेकर ग्रैप (GRAP) यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान की व्यवस्था की गई है, जिसके मुताबिक 5 प्रतिशत से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट रेड अलर्ट की कैटेगरी में आता है। मौजूदा समय में दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट फिलहाल 8.7 फीसदी है, जो कि मई के बाद सबसे ज्यादा है।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में ओमिक्रॉन के मामले रोज बढ़ते जा रहे हैं। पिछले 8 से 10 दिनों के अंदर करीब 11,000 कोरोना केस मिले थे। इनमें से करीब 350 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं, 124 पेशेंट्स को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। 7 पेशेंट्स अभी भी वेंटिलेटर पर हैं।