दिल्लीः बीजेपी नेता वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी सोमवार को एक बार फिर उन्होंने ट्वीट कर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगाने के फैसले पर सवाल उठाया।

उन्होंने कहा, “रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना, ये सामान्य जनमानस की समझ से परे है। उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें ईमानदारी से ये तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमिक्रॉन को फैलने से रोकना है, चुनावी शक्ति प्रदर्शन करना नहीं।“

आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब वरुण ने अपनी पार्टी की सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है। वह पहले भी कर बार वार कर चुके हैं।

  • वरुण ने कुछ दिन पहले ही सीएम योगी को संविदा कर्मियों की मांगों को लेकर घेरा था। उन्होंने सीएम को एक पत्र लिखकर कहा था कि आपने संविदा कर्मियों को उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया था। इसके ढाई महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
  • वह 19 दिसंबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे संविदा कर्मियों के कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहां उनके बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनी थीं।
  • वरुण ने  UPTET पेपर लीक मामले में सरकार से पूछा था कि आखिर रसूखदारों पर एक्शन कब होगा? उन्होंने कहा था कि ज्यादातर शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनीतिक रसूखदार हैं।
  • वरुण  गांधी कृषि कानून और किसानों के मुद्दे पर भी सरकार के लिए कई बार असहज स्थिति उत्‍पन्‍न कर चुके हैं। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार को कई बार लेटर लिखा था। इसमें किसानों की मांग को पूरा करने की बात कही थी।
  • उन्होंने एक किसान के फसल जलाने के मुद्दे पर भी बीजेपी  को घेरा था। उन्होंने लिखा था कि यूपी के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी।।
  • बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने केंद्र सरकार के बैंकों के निजीकरण का भी विरोध किया था। साथ ही अमेजन, फ्लिपकार्ट पर भी हमला किया था। उन्होंने कहा था कि किसानों के हित में केवल मैं खड़ा हुआ था। इसके विरोध करने की बाकी किसी भी सांसद की हिम्मत नहीं हुई थी।
  • वरुण गांधी ने गन्ना मूल्य को लेकर परोक्ष रूप से राजनीतिक दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि टिकट कटने के डर से पार्टी के नेता ऐसे मुद्दे नहीं उठाते। उन्हें इसका कोई डर नहीं है, क्योंकि उनके परिवार ने निर्दलीय भी चुनाव जीता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here