दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पाबंदियां एक बार फिर लौटने लगी हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने राजधानी में नाइट कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है। दिल्ली में कल यानि 27 दिसंबर से नाइट कर्फ्यू रहेगा। यह कर्फ्यू रात 11 से सुबह 5 बजे का रहेगा।

आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर पाबंदियों लागू करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम (ग्रैप) तैयार किया है। यह ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम में पाबंदियां कोरोना की संक्रमण दर, सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या और अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या के आधार पर तय किया गया है। जिसे डीडीएमए ने पहले ही मंजूर कर चुकी है। इसका पहला चरण संक्रमण दर लगातार दो दिन 0.5 फीसदी आने पर लागू हो जाएगा। सरकार ने सोमवार से राजधानी में रात्रि कर्फ्यू लगाने की तैयारी कर ली है। इसके चलते नए साल  के जश्न पर भी असर पड़ सकता है। देर रात होने वाली पार्टी और जश्न प्रभावित रहेंगे। राजधानी में दिसंबर माह में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

आपको बता दें कि दिल्ली में रविवार को कोरोना वायरस के 290 मामले सामने आए हैं और संक्रमण से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। इस दौरान जबकि संक्रमण दर बढ़कर 0.55 प्रतिशत हो गई है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 14,43,352 हो गई और मृतक संख्या भी बढ़कर 25,105 हो गई है। वहीं, राजधानी में वर्तमान में 1103 उपचाराधीन मरीज हैं, जिनमें से 583 होम आइसोलेशन में हैं। वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के खतरे के बीच पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में संक्रमण के मामले बढ़े हैं।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा रविवार को दी गई जानकारी के अनुसार, दिल्ली में अबतक ओमिक्रॉन के 79 मामले दर्ज किए गए हैं। लोकनायक अस्पताल के अलावा निजी अस्पताल में ओमिक्रॉन के मरीज उपचार के लिए भर्ती हैं। लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि अबतक अस्पताल में 51 ओमीक्रोन संक्रमित मरीजों को भर्ती किया गया है, जिसमें से 40 ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं। दो-तीन मरीजों में बुखार और दस्त के लक्षण जरूर मिले थे, बाकी किसी मरीज में कोई लक्षण सामने नहीं आया।

दिल्ली में ओमिक्रॉन के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने वाले किसी भी मरीज को अब तक ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर बेड की आवश्यकता नहीं पड़ी। सभी का कोविड प्रोटोकॉल के तहत उपचार किया गया। भर्ती होने वाले मरीजों में सभी की उम्र 60 वर्ष से कम थी। इसमें दो बच्चे भी शामिल हैं। एक बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।

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