Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
विशेषज्ञों ने किया आगाह, जनवरी-फरवरी में रोज आएंगे 1.8 लाख कोरोना के मामले, मार्च में पड़ेगी दो लाख बेडों की जरूरत - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

विशेषज्ञों ने किया आगाह, जनवरी-फरवरी में रोज आएंगे 1.8 लाख कोरोना के मामले, मार्च में पड़ेगी दो लाख बेडों की जरूरत

दिल्लीः देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला मामला 2 दिसंबर को सामने आया था। इस दिन दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में ओमिक्रॉन के दो मामले दर्ज किये गए थे। अब देश में ओमिक्रॉन से ग्रसित मरीजों की संख्या साढ़े चार सौ से ज्यादा हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामलों की बढ़ने की रफ्तार यदि जनवरी-फरवरी में यही रही तो मार्च में भारत में डेली केसेज का आंकड़ा 1.8 लाख तक जा सकता है। इस पीक पर पहुंचने के बाद देश को करीब 2 लाख कोविड बेड की जरूरत होगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि अब हमें गंभीरता से हॉस्पिटलाइजेशन की तैयारियां करनी शुरू कर देनी चाहिए। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि राजनीतिक रैलियां, धार्मिक उत्सव और भीड़-भाड़ ओमिक्रॉन संक्रमण के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।

कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट कितनी तेजी से फैलता है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि मार्च 2020 में कोविड संक्रमण ने जब भारत में दस्तक दी थी, तो शुरुआती 25 दिनों में कोविड के सिर्फ 62 केस ही आए थे, लेकिन ओमिक्रॉन के इतने ही वक्त में करीब 450 केस आ चुके हैं।

ओमिक्रॉन का असली कहर जनवरी के आखिर में देखने को मिलेगा। देश में पिछले 3-4 दिनों में कोविड के केस दोगुने हो गए हैं। यही डबलिंग टाइम धीरे-धीरे कम होता जाएगा और मार्च में ओमिक्रॉन केस भयानक तेजी से बढ़ेंगे। फरवरी में इसका जब पीक बनेगा, तब करीब 2 लाख डेली कोविड केस आ सकते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो हॉस्पिटलाइजेशन की भी तैयारी अभी से शुरू करनी होगी। दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट के दौरान 5 में से 1 केस को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ी थी, लेकिन साउथ अफ्रीका, यूके और डेनमार्क के अनुभव को देखें तो ओमिक्रॉन केसेज में 10 में से 1 केस में हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ेगी। इसलिए जब मार्च में तीसरी लहर का पीक बनेगा तो एक साथ 2 लाख बेड की जरूरत होगी।

दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट बड़े पैमाने पर वैक्सीन इम्यूनिटी को बाइपास कर रहा है, कुछ हद तक ये नेचुरल इम्यूनिटी को भी बाइपास कर रहा है। भारत में भी इम्यूनिटी का स्तर साउथ अफ्रीका जैसा ही है, इसलिए भारत में भी ओमिक्रॉन वैक्सीन इम्यूनिटी और नेचुरल इम्यूनिटी को बाइपास कर रहा होगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि हमारे सामने तथ्य मौजूद है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट, डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले 3 गुना तेजी से फैलता है। पूरे भारत में सिर्फ ओमिक्रॉन का कहर ही है ऐसा नहीं है, अभी भी डेल्टा वैरिएंट का ही संक्रमण ज्यादा हो रहा है, लेकिन ओमिक्रॉन भी अब तेजी से फैल रहा है। अगर लोग कोरोना नियमों का पालन नहीं करेंगे तो ये ज्यादा तेजी से फैल सकता है। अगर राजनीतिक रैलियां, धार्मिक उत्सव और भीड़-भाड़ जारी रहेगी तो ओमिक्रॉन का संक्रमण आसान हो जाएगा।

सरकार अपनी जगह तैयारियां कर रही है, लेकिन लोगों को यह समझना होगा कि उन्हें ही अपने परिवार का ख्याल रखना है। ओमिक्रॉन डेल्टा की तरह ज्यादा घातक नहीं है, लेकिन ये ज्यादा तेजी से फैलता है। हो सकता है कि ओमिक्रॉन का स्वस्थ लोगों और युवाओं पर कोई असर भी न हो, लेकिन आप इसके लिए बेस्ट कैरियर हो सकते हैं। ऐसे में अगर आपके घर में कोई कम इम्यूनिटी वाला शख्स है तो ओमिक्रॉन उसके लिए घातक हो सकता है।

ICMR ने स्थानीय डेटा का पोर्टल तैयार किया है। इसमें राज्य से लेकर जिले के स्तर पर पता चल सकता है कि अगर तीसरी लहर आती है तो उस क्षेत्र पर इसका क्या असर होगा। अगर इस डेटा का अध्ययन कर लिया जाए तो तीसरी लहर के लिए प्लान तैयार करना आसान हो जाएगा। कुछ राज्यों में वैक्सीनेशन रेट ज्यादा है, कहीं पर वैक्सीनेशन का कमजोर डेटा है। जहां पर वैक्सीनेशन कम हुआ है वहां पर मेडिकल फैसेलिटी को ज्यादा दुरुस्त करने की जरूरत है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अभी ओमिक्रॉन का डबलिंग रेट ज्यादा है। मेरी नजर में ये रफ्तार बहुत तेज नहीं है। देश में 2 दिसंबर से अब तक ओमिक्रॉन के केस साढ़े चार सौ मामले आए हैं। इसी दौर में डेल्टा के केस काफी ज्यादा हुआ करते थे। ओमिक्रॉन कोविड का ही एक वैरिएंट हैं। साउथ अफ्रीका, यूके में जब डेल्टा वैरिएंट की लहर चल ही रही थी, तब ही ओमिक्रॉन ने दस्तक दी, लेकिन भारत में काफी पहले ही डेल्टा की वजह से दूसरी लहर आ चुकी थी, तो अब

ओमिक्रॉन दूसरी लहर जैसा खतरनाक साबित नहीं होगा। जब ओमिक्रॉन का पीक बनेगा तो डेली कोविड केसेज डेढ़ लाख तक रहेंगे। तथ्य बताते हैं कि कोविड वैक्सीन के दो शॉट ओमिक्रॉन के खिलाफ भी प्रभावी हैं। ये आपको गंभीर रूप से बीमार पड़ने, हॉस्पिटलाइजेशन और मृत्यू से काफी हद तक बचा सकते हैं।

 

Delhi Desk

Recent Posts

14 नवंबर को दिल्ली में आयोजित होगा लोकमाता अहिल्याबाई होलकर को नमन करने के लिए भव्य कार्यक्रम

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन, उनके कार्यों तथा आदर्शों से वर्त्तमान और भावी पीढ़ी को…

1 day ago

आज है देवउठनी एकादशी, जानें तुलसी विवाह के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

दिल्ली आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। हिंदू पंचाग के अनुसार आज के दिन तुलसी विवाह…

2 days ago

चुनाव आयोग के अधिकारी ने किया उद्धव ठाकरे का बैग, Ex CM ने खुद बननाया VIDEO, बोले- मोदी-शाह का बैग भी चेक करना

मुंबईः महाराष्ट्र के यवतमाल में चुनाव आयोग के अधिकारी ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (UBT) के मुखिया उद्धव…

2 days ago

देश के 51वें चीफ जस्टिस बने जस्टिस संजीव खन्ना, छह महीने के कार्यकाल में मैरिटल रेप समेत 05 बड़े मामलों की करेंगे सुनवाई

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में जस्टिस संजीव खन्ना…

3 days ago

बटेंगे तो कटेंगे नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा, योगी आदित्यनाथ के बयान का अजित पवार ने किया विरोध

मुंबईः विधानसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं बीजेपी-शिवसेना गठबंधन महायुति में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार समूह)…

4 days ago

जीत के दो दिन बाद पुतिन ने ट्रम्प को बधाई, बताया बहादुर , बोले…रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने को लेकर हूं उनसे बातचीत को तैयार

वाशिंगटन/मास्कोः अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आ चुके हैं और पूर्व राष्ट्रपति एवं रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प…

6 days ago