दिल्लीः अगर चाहती है कि आपकी त्वचा हर पल जवां और बेदाग रहे, तो आपके लिए भोजने भोजन में कुछ बदलाव करने पड़ेंगे। आपको इसके लिए अपने भोजन में इन दालों को सम्मिलित करना पड़ेगा। जैसा की हम सभी जानते हैं कि 30 साल की उम्र के बाद शरीर को अतिरिक्त पोषण, कैल्शियम और देखभाल की जरूरत होती है। इस उम्र के लोगों की लाइफ में ना चाहते हुए भी तनाव बहुत अधिक हावी रहता है। इसका सीधा असर त्वचा पर देखने को मिलता है। इसलिए त्वचा को बेदाग और जवां बनाए रखना है तो 30 साल की उम्र के बाद आपको अपनी डेली डायट में कुछ खास दालें जरूर शामिल कर लेनी चाहिए। ये त्वचा पर उम्र असर हावी नहीं होने देती हैं।

आमतौर पर महिलाओं के शरीर में 30 साल की उम्र के बाद अक्सर कैल्शियम की कमी हो जाती है और प्रोटीन की सही डोज ना लेने के कारण बाल भी तेजी से टूटने लगते हैं। महिलाएं धूप में कम ही निकलती हैं, इसलिए इनके शरीर में विटमिन-डी की कमी भी हो जाती है। इस वजह से त्वचा का ग्लो फीका पड़ने लगता है और बाल भी तेजी से झड़ने लगते हैं।

इन सभी समस्याओं का एक आसान और टेस्टी समाधान दालों का सेवन है। दालें आपके शरीर को कैल्शियम, प्रोटीन और विटमिन्स का पोषण एक साथ देती हैं, लेकिन विटमिन-डी प्राप्त करने के लिए आपको धूप, सैल्फमन फिश और सप्लिमेंट्स का सहारा लेना होगा। यदि शरीर में कैल्शियम की कमी होती है तो बाल भी झड़ते हैं और त्वचा भी बेनूर रहती है। साथ ही आपके शरीर में विटमिन-डी का अब्जॉर्बशन भी नहीं होता है।

जरूर खाएं लोबियाः

लोबिया एक ऐसा खाद्य पदार्थ जिसे सर्दी और गर्मी में समान रूप से खाया जा सकता है। यह मौसम के हिसाब से आपके शरीर को लाभ पहुंचाता है। यानी लोबिया सर्दी में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है तो गर्मी में शरीर को ठंडक देता है।

यह सुपाच्य होता है यानी पचाने में आसान होता है, लेकिन अगर पेट दर्द या लूज मोशन की शिकायत हो तो इसे नहीं खाना चाहिए। लोबिया को Black eyed peas और Cowpea भी कहा जाता है।

इसमें ऐसे कई गुण होते हैं जो आपकी त्वचा जवां और निरोग रखने के लिए बेहद जरूरी हैं। जैसे, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और फॉस्फोरस। ग्लोइंग त्वचा और मजबूत बालों के लिए आपको सप्ताह में कम से कम दो बार लोबिया जरूर खाना चाहिए।

खाएं हर मौसम में चने की दालः

जैसा की हम सभी जानते हैं कि चने की दाल काले चनों को पीसकर बनाई जाती है। इन चनों को देसी चना भी कहते हैं। अगर अब भी नहीं समझे तो याद कीजिए जब आप किसी के घर माता के जगराते में गए थे तो आपको सूजी के हलवे के साथ जो चने मिले थे, वे ही देसी चने कहलाते हैं। चने की दाल महादिल कहलाती है। इसे किसी भी मौसम में खाया जा सकता है, लेकिन रात के समय इसे खाने से गुरेज करना चाहिए। देसी चने को अंग्रेजी में Bengal Gram कहते हैं जबकि चने की दाल को Yellow lentil और Bengal gram split कहा जाता है।

खाएं राजमा, बनाता है स्किन को स्मूदः

राजमा शरीर में स्निग्धता बढ़ाने का काम करता है। यानी त्वचा में नमी और चिकनाई बनाए रखने में मददगार है। राजमा का आकार देखने में किडनी की तरह होता है। इसलिए अपनी शेप के कारण इसे Kidney Beans के नाम से जाना जाता है।

राजमा तासीर में ठंडा होता है इसलिए सर्दियों में इसे दिन के वक्त या कहिए जिस दिन धूप हो उस दिन खाना चाहिए। आमतौर पर इसे गर्मियों में अधिक खाया जाता है।

100 ग्राम राजमा में 24 ग्राम प्रोटीन और 340 कैलरी होती हैं, जबकि 56 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और मात्र 1 ग्राम फैट होता है। राजमा का सेवन आपकी त्वचा को कसावट देने का काम करता है तो आपके बालों को मजबूती देता है।

खाएं छोलेः हैं बेहद गुणकारी

आप छोले-पूड़ी के साथ जो चना खाते हैं, वह काबुली चना होता है। यह किसी जमाने में काबुल से आया हुआ माना जाता है। इसीलिए उसका नाम काबुली चना है। इसे बादी प्रकृति का माना जाता है। यानी जिन लोगों को गैस की समस्या अधिक रहती है, उन्हें इसका सेवन कम करना चाहिए। यह बहुत ताकत देनेवाला माना जाता है। इसे इंग्लिश में Chickpeas कहा जाता है।

आपको बता दें कि दालें प्लांट बेस्ट प्रोटीन प्राप्त करने का आसान तरीका हैं। प्लांट बेस्ड प्रोटीन बालों की लंबाई बढ़ाने में मददगार होता है। जल्दी बालों को लंबा करने के लिए खाने के साथ ही हेयर मास्क में भी दाल का उपयोग करना चाहिए। चने की दाल का हेयर मास्क बहुत लाभकारी होता है।

लोबिया, राजमा, साबुत मूंग जैसी दालें बालों की ग्रोथ, शाइन और मजबूती पर सीधा असर डालती हैं। क्योंकि इनमें केराटिन पाया जाता है। जो बालों को पतला होने से रोकता है, इनकी चमक बढ़ाता है और बालों को सिल्की रखता है।

 

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