Subscribe for notification
ट्रेंड्स

चारधाम रोड प्रोजेक्ट को मंजूरीः सुप्रीम कोर्ट ने सड़क चौड़ी करने की दी इजाजत

दिल्लीः उत्तराखंड में चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत दो लेन की सड़क बनाने की मंजूरी सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है। शीर्ष अदालत ने सेनाओं के लिए इसके रणनीतिक महत्व के मद्देनजर मंगलवार को डबल लेन का रोड बनाने को स्वीकृति प्रदान की।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार के इस तर्क से सहमति व्यक्त की कि इस इलाके में सड़कें सामरिक महत्व रखती हैं। कोर्ट ने कहा कि सीमा सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देने जरूरत है। हाल के दिनों में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां देखी गई हैं। ऐसे में सैनिकों और हथियारों की आवाजाही आसान होनी चाहिए।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने अपने 8 सिंतबर 2020 के आदेश को संशोधित करते हुए प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत के के पूर्व जस्टिस एके सीकरी के नेतृत्व में समिति का भी गठन किया, जो यह सुनिश्चित करेगी कि पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर सभी जरूरी उपाय किए जाएं। साथ ही कमेटी की ओर से जो सिफारिशें दी जाएं, उनका पालन हो। इस निगरानी समिति को रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार और सभी जिलाधिकारियों का पूरा सहयोग मिलेगा।

सुनवाई के दौरान कोर्ट में सरकार ने कहा कि आपदाओं को रोकने की कोशिशें के तहत सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। देश के अलग-अलग इलाकों में भूस्खलन हुआ है और इसके लिए केवल सड़क निर्माण जिम्मेदार नहीं है।

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले केंद्र ने कोर्ट में एक सीलबंद लिफाफा दायर किया था। इसमें चीन की तरफ से किए गए कंस्ट्रक्शन की तस्वीरें थीं। सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि चीन की तरफ से हवाई पट्टी, हेलीपैड, टैंकों, सैनिकों के लिए बिल्डिंग्स और रेलवे लाइनों का निर्माण किया जा रहा है। टैंक, रॉकेट लांचर और तोप ले जाने वाले ट्रकों को इन सड़कों से गुजरना पड़ सकता है, इसलिए सड़क की चौड़ाई 10 मीटर की जानी चाहिए।

1962 के भारत-चीन युद्ध के बारे में अदालत को याद दिलाते हुए वेणुगोपाल ने कहा था कि अदालत यह जानती है कि 1962 में क्या हुआ था। हमें सशस्त्र बलों को स्थिति पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। हमारे सैनिकों को सीमा तक पैदल चलना पड़ा था।

चारधाम प्रोजेक्ट क्या हैः
उत्तराखंड के चारधाम प्रोजेक्ट का उद्देश्य सभी मौसम में पहाड़ी राज्य के चार पवित्र स्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ना है। इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद हर मौसम में चारधाम की यात्रा की जा सकेगी। इस प्रोजेक्ट के तहत 900 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण हो रहा है। अभी तक 400 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है।

एक अनुमान के मुताबिक, अभी तक 25 हजार पेड़ों की कटाई हो चुकी है, जिससे पर्यावरणविद नाराज हैं। सिटिजन फॉर ग्रीन दून नीम के NGO ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के 26 सितंबर 2018 के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। NGO का दावा था कि इस परियोजना से पहाड़ी क्षेत्र में होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकेगी। ​​​​​

admin

Recent Posts

बढ़ायी जा सकती है दिल्ली विधानसभा सत्र की अवधिः बिष्ट

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं मुस्तफाबाद से विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा है कि…

3 hours ago

शत प्रतिशत पूरे किये जाएंगे बीजेपी के चुनावी वादेः रेखा गुप्ता

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः दिल्ली की सीएम  रेखा गुप्ता ने रविवार को कहा कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के…

3 hours ago

champions trophy 2025: आज सुपर संडे को भिड़ेंगी भारत और पाकिस्तान की टीमें, 2017 के फाइनल का बदला लेने के इरादे से उतरेगी टीम इंडिया

स्पोर्ट्स डेस्कः दुबईः क्रिकेट में आज सुपर संडे है। आज चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के ग्रुप स्टेज में सबसे बड़ा मुकाबला…

16 hours ago

क्या नौकरियां खत्म कर देगा AI, पढ़िये रिलेवेंट बने रहने के लिए क्या करें

दिल्ली: AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक लगातार तेजी से विकसित हो रही है और हर क्षेत्र में अपनी पकड़ बना…

17 hours ago

मध्य प्रदेश, बिहार और असम के तीन दिवसीय दौरे पर पीएम मोदी, आज बागेश्वर धाम चिकित्सालय की रखेंगे आधारशिला

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार से यानी 23 से 25 फरवरी तक मध्यप्रदेश, बिहार और असम के तीन दिवसीय दौरे…

17 hours ago

मौसम ने बदला मिजाज, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड में बर्फबारी, 13 राज्यों में ओलावृष्टि के अलर्ट

दिल्लीः पश्चिमोत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में एक बार फिर मौसम बदला है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और…

2 days ago