मुंबईः देश के पहले सीडीएस (CDS) यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की असामयिक मौत से पूरा देश गमगीन है, लेकिन कुए ऐसे भी लोग हैं, जो जनरल रावत की मौत पर खुशियां मना रहे हैं। तमिलनाडु के कन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत तथा 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की गत बुधवार को मौत हो गई थी। जनरल रावत की मौत की खबर सुन कर पूरा देश जहां गम मना रहा था, वहीं देखने को यह भी मिला कि सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उनकी मौत की खबर पर हंसने की इमोजी भी बनाई, जिसका कई लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन यह बात केरल के फिल्ममेकर अली अकबर को इस कदर बुरी लगी कि उन्होंने इस्लाम धर्म को ही छोड़ने का फैसला कर लिया।
अली अकबर और उनकी पत्नी लुसीअम्मा ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया है। उनका कहना है कि मुस्लिमों की तरफ से ऐसी हरकत का विरोध इस्लाम के सीनियर नेताओं और धर्मगुरुओं ने भी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि देश के बहादुर बेटे का ऐसा अपमान स्वीकार्य नहीं है। अकबर ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर कहा कि उनका धर्म से विश्वास उठ गया है।
अकबर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा, “मुझे जन्म के समय से ही जो चोला मिला था, उसे उतारकर फेंक रहा हूं। आज से मैं मुस्लिम नहीं हूं। मैं एक भारतीय हूं। मेरा यह संदेश उन लोगों के लिए है, जिन्होंने भारत के खिलाफ हंसते हुए स्माइली पोस्ट की है।“ अकबर की इस पोस्ट पर कई लोगों ने विरोध किया, तो कई ने समर्थन किया। बाद में यह पोस्ट फेसबुक से हट गई।
अकबर ने एक खबरिया चैनल से बातचीत करते हुए कहा, “बिपिन रावत की मौत की खबर पर हंसने वाले अधिकतर लोग मुस्लिम थे। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रावत ने पाकिस्तान और साथ ही कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। मैं ऐसे धर्म के साथ नहीं जुड़ा रह सकता हूं।“
अली अकबर ने कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ हिंदू धर्म अपना लेंगे। इसको लेकर जरूरी कागजी कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि वह पहले भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश समिति के सदस्य थे। पार्टी नेतृत्व के साथ अक्टूबर में हुई खटपट के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था। अकबर 2015 में भी चर्चा में आ चुके हैं, जब उन्होंने मदरसे में पढ़ाई के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।