दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत और रूस के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर चर्चा करेंगे। दोनों नेताओं के बीच होने वाली इस बैठक को काफी पावरफुल माना जा रहा है। इस दौरान दोनों देशों के बीच 10 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन महज छह घंटे के लिए भारत दौरे पर आ रहे हैं, लेकिन इस दौरान वह भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम और एके-203 राइफल सहित कई ऐसे तोहफे दे सकते हैं, जिससे पाकिस्ता और चीन की टेंशन बढ़ना तय है।
इस बैठक के दौरान भारत और रूस के बीच पहली बार टू प्लस टू फॉरमैट पर वार्ता होगी। साथ ही दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों, एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति सहित क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा होगी। आपको बता दें कि पुतिन ने बीते हफ्ते ही कहा था कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ रूस-भारत संबंधों को और विकसित करने के लिए खास चर्चा करना चाहते हैं।
मोदी-पुतिन की बैठक में क्या होगा खासः
- साल 2019 में ब्राजीलिया में हुए ब्रिक्स देशों के सम्मेलन से इतर हुई बैठक के बाद यह प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति के बीच पहली मुलाकात है। यानी दोनों राष्ट्राध्यक्ष दो साल बाद फेस-टु-फेस बैठक करने वाले हैं।
- इस शिखर वार्ता के दौरान रक्षा, व्यापार, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और संस्कृति में सहयोग को गहरा करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।
- रूसी राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी को एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का मॉडल सौंपेंगे।
- बैठक में दोनों देशों के बीच भारत में एक-203 राइफल के उत्पादन को लेकर करीब 5100 करोड़ रुपये की बड़ी और अहम डील पर हस्ताक्षर होने की भी उम्मीद है। ये राइफल उत्तर प्रदेश के अमेठी में बनेंगी।
- एके-203 राइफल भारतीय सेना में शामिल तीन दशकों से भी पुरानी INSAS राइफलों की जगह लेगी। उम्मीद की जा रही है कि भारतीय सेना को 7.5 लाख एके-203 राइफल मिलेंगी।
- कुछ साल पहले दोनों पक्षों के बीच एके-203 असॉल्ट राइफल समझौते पर सहमति बनी थी और अब आखिरी बड़ा मुद्दा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के मुद्दों को हल करना होगा। भारतीय सेना द्वारा अधिग्रहित की जाने वाली 7.5 लाख राइफलों में से, पहले 70,000 में रूसी निर्मित घटक शामिल होंगे क्योंकि प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण धीरे-धीरे होता है।
- दोनों देशों के इग्ला शोल्डर फायर्ड एयर डिफेंस सिस्टम पर भी चर्चा होगी, लेकिन इसको लेकर समझौता होने की उम्मीद काफी कम है।
- बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच रेसीप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट (आरईएलओएस) समझौता पर हस्ताक्षर हो सकता है। यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों पर लॉजिस्टिक्स और सपोर्ट सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति देगा।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु और विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के बीच नई दिल्ली में पहली 2 + 2 वार्ता भी करेंगे।
- इस बैठक में दोनों देशों के मंत्रियों की ओर से एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और अफगानिस्तान और सीरिया के घटनाक्रम सहित प्रमुख क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर गहन चर्चा करने की उम्मीद है।