दिल्लीः कोरोना का नया वैरिए ओमिक्रॉन डराने लगा है। बेहदर खतरनाक यह वायरस कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद राजस्थान भी पहुंच गया है। राजस्थान में एक परिवार 4 सदस्यों में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है। यह परिवार 25 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से दुबई और मुंबई होते हुए जयपुर पहुंचा था। यहां इनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। इसके बाद इनके सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे, जिसकी जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। मौजूदा समय में यह परिवार आरयूएचएस (RUHS) यानी राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में भर्ती है। इनमें माता-पिता के साथ दो बच्चे शामिल है। इनके संपर्क में आए परिवार के 5 लोगों में भी ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है।

इससे पहले महाराष्ट्र में रविवार को ओमिक्रॉन के सात नए मामले मिले हैं। महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ जिले में कोरोना पॉजिटिव पाए गए सात लोगों के सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे, जिसमें ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है। इन सभी लोगों को क्वारंटीन कर दिया गया है।

वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी रविवार को सुबह में ओमिक्रॉन का एक मामला सामने आया। इस तरह से देश में अब तक ओमिक्रॉन के कुल 21 मामले हो गए हैं। इनमें से राजस्थान में नौ, महाराष्ट्र में आठ, कर्नाटक में दो, दिल्ली में एक और गुजरात में एक मामला शामिल है। ।

महाराष्ट्र हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, पिंपरी चिंचवाड़ में ओमिक्रॉन से संक्रमित मिले 7 लोगों में से 4 अभी विदेश से लौटे थे। इन सभी का टेस्ट कराया गया था, जिसमें ये पॉजिटिव पाए गए थे।

इसके बाद इनके संपर्क में आने वाले 3 अन्य का भी टेस्ट कराया गया था। ये तीनों भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इन सभी के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट रविवार को आई है। इस रिपोर्ट में इन सभी को ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित बताया गया है।

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन आज से लागू कर दी गई है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 28 से 30 नवंबर के बीच ये गाइडलाइंस जारी की थीं। इसमें बताया गया है कि एट रिस्क देशों से आने वाले पैसेंजर्स को RT-PCR टेस्ट कराना जरूरी होगा। पैसेंजर्स को रिजल्ट आने तक एयरपोर्ट पर ही इंतजार करना होगा। सभी एयरपोर्ट्स पर अतिरिक्त RT-PCR फैसिलिटी की व्यवस्था की जाएगी।

वहीं, ‘एट रिस्क’ वाले देशों को छोड़कर बाकी देशों के यात्रियों को एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति होगी, लेकिन उन्हें 14 दिन के लिए सेल्फ मॉनिटरिंग करनी होगी। ओमिक्रॉन के खतरे की श्रेणी से जिन देशों को बाहर रखा गया है, वहां से आने वाले यात्रियों में पांच प्रतिशत की टेस्टिंग जरूर की जाएगी। इसके मुताबिक, अब एयर सुविधा पोर्टल पर मौजूद सेल्फ डेक्लेरेशन फॉर्म में सभी इंटरनेशनल पैसेंजर्स को फ्लाइट बोर्ड करने से पहले अपनी 14 दिन की ट्रैवल हिस्ट्री बतानी होगी।

आपको बता दें कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन (B.1.1.529) वैरिएं का सबसे पहले 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में पता चला। इसके बाद 25 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसके बारे में जानकारी दी गई। डब्लूएचओ के मुताबिक, ओमिक्रॉन के पहले मामले की पुष्टि इस साल 9 नवंबर को लिए गए एक सैंपल में हुई थी।

डब्लूएचओ ने 26 नवंबर को इस नए वैरिएंट B.1.1.529 को ओमिक्रॉन नाम दिया और इसे ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ यानी ‘चिंता वाला वैरिएंट’ करार दिया।

बेहद खतरनाक यह वैरिएं काफी तेजी से दुनियाभर में पैर पसार रहा है। इसके चलते तमाम देशों ने अफ्रीकी देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिए हैं। भारत समेत अबतक यह 40 से अधिक देशों में पहुंच चुका है।

 

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