दिल्लीः विवादास्पद तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने वाले विधेयक पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को हस्ताक्षर कर दिए। इसके साथ ही औपचारिक तौर पर तीनों कृषि कानून रद्द हो गए। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में आज बताया गया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीनों केंद्रीय कानूनों को रद्द करने वाले विधियेक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
आपको पता दें कि इस संबंधन में तीनों कानूनों को रद्द करने वाला बिल 29 नवंबर को संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था। इसके बाद इस विधेयक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार यानी 19 नवंबर को तीनों नए कृषि कानून केंद्र सरकार ने वापस लेने की घोषणा की और कहा कि इसकी प्रक्रिया संसद के इसी सत्र में की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 18 मिनट के संबोधन में मोदी ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए।
उन्होंने हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे। बातचीत भी होती रही। कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें एतराज था उन्हें सरकार बदलने को तैयार हो गई, लेकिन किसान नहीं माने। उन्होंने कहा कि आज गुरु नानक देवजी का पवित्र पर्व है यह समय किसी को दोष देने का नही है। मैं आज यह पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला लेने का फैसला लिया है। इसी महीने हम इसे वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर देंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरे प्यारे देशवासियों आज देव दीपावली का पावन पर्व है। आज गुरुनानक देव जी का भी पावन प्रकाश पर्व है। मैं विश्व में सभी लोगों और सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। यह भी बेहद सुखद है कि डेढ़ साल बात करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खुल गया है। गुरुनानक देव जी ने कहा है कि संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है। हमारी सरकार इसी सेवा भावना के साथ देशवासियों का जीवन आसान बनाने में जुटी है। न जाने कितनी पीढ़ियां जिन सपनों को सच होते देखना चाहती थीं, भारत उन्हें साकार करने की कोशिश कर रहा है।“
इसके साथ ही उन्होंने किसानों से आंदोलन समाप्त कर अपने-अपने घर लौट जाने की अपील की है, लेकिन किसान अभी भी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। साल से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी थी। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की ओर से पीएम के नाम लिखे गए खत में कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा पर खुशी तो जाहिर की गई है, साथ ही इसमें छह मांगें भी रखी गई है। किसानों ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि आपने कानूनों को खत्म करने की एकतरफा घोषणा कर दी लेकिन हमें खुशी है कि आपने इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की।
आंदोलनकारी किसानों ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि उनकी मांग केवल तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की नहीं थी बल्कि तीन और मांगे थीं और उम्मीद है कि सरकार उनकी अन्य मांगों पर भी जल्द वादा निभाएगी।
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