ओमिक्रॉन का डरः केंद्र सरकार ने राज्यों को किया अलर्ट, विस्तार से जानिए क्या जारी की है गाइडलाइंस

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दिल्लीः कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर दुनियाभर में भय का माहौल है और इसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है। केंद्र सरकार ने रविवार को राज्यों को ओमिक्रॉन वैरिएंट के इफेक्ट के खिलाफ अभी से तैयारी शुरू कर देने का निर्देश दिया और इसके लिए पर्याप्त सख्ती बरतने की हिदायत दी।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने आज सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे ओमिक्रॉन को लेकर सख्ती से क्वारंटीन और आइसोलेशन लागू करें। साथ ही सभी को तत्काल RT-PCR टेस्टिंग बढ़ाने और एक्टिव सर्विलांस शुरू कराने का आदेश दिया गया है।

केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड-19 का ओमिक्रॉन वैरिएंट ऑफ कंसर्न है। इसलिए इसका तत्काल पकड़ में आना जरूरी है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करें और हॉटस्पॉट्स पर निगरानी बढ़ाएं।

केंद्र सरकार ने जिन देशों में कोरोना का यह नया वैरिएंट अब तक पाया गया है, उन्हें ‘एट रिस्क कंट्रीज’ लिस्ट में शामिल किया है। साथ ही इन देशों से आने वाले यात्रियों के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने और बचाव के एक्स्ट्रा उपाय करने का आदेश दिया है। इन उपायों में क्वारंटीन करना, RT-PCR टेस्ट करना और उनके संपर्क में आने वालों की निगरानी करना शामिल है। राज्यों को कोशिश करनी चाहिए कि पॉजिटिविटी रेट पांच प्रतिशत से नीचे रहे।

केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि इंटरनेशनल फ्लाइ‌ट्स के जरिए आने वाले यात्रियों की पिछली हवाई यात्राओं के बारे में जानकारी हासिल करने का मैकेनिज्म पहले से हर राज्य में मौजूद है। इसका रिव्यू राज्यों को अपने स्तर पर ही करना चाहिए ताकि एट-रिस्ट कंट्रीज से आने वाले यात्रियों के लिए तत्काल उपाय शुरू किए जा सकें।

इसके अलावा केंद्र सरकार ने कहा है कि बचाव ही असली सुरक्षा है। इसलिए राज्य-केंद्र शासित प्रदेश कोविड-एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन सख्ती से कराएं। साथ ही कंटेनमेंट बढ़ाएं, सर्विलांस एक्टिव रखें, वैक्सीनेशन कवरेज का दायरा और स्पीड बढ़ाएं ताकि इस वैरिएंट ऑफ कंसर्न से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्य अपने यहां पर्याप्त टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को ऑपरेशनल रखने का निर्देश दिया है, ताकि इस म्यूटेटिड वायरस के कारण संक्रमितों की संख्या में आई अचानक किसी उछाल से निपटा जा सके। मंत्रालय ने राज्यों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि कई राज्यों में ओवरऑल टेस्टिंग के अनुपात में RT-PCR टेस्ट्स का आंकड़ा गिरता दिखाई दिया है। पर्याप्त परीक्षण के अभाव में संक्रमण फैलने के सही स्तर को निर्धारित करना बेहद मुश्किल है।

केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को अपने यहां कोरोना हॉटस्पॉट के तौर पर लिस्टेड एरिया और ऐसे एरिया जहां हालिया दिनों में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में अचानक उछाल आया है, दोनों जगह लगातार सतर्क मॉनिटरिंग जारी रखने को कहा गया है। साथ ही हॉटस्पॉट्स पर सेचुरेशन टेस्टिंग कराने और सभी पॉजिटिव सैंपल हर हाल में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने का भी आदेश दिया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि राज्य अपने यहां पॉजिटिविटी रेट को किसी भी तरह पांच प्रतिशत से नीचे बनाए रखने का टारगेट तय करें। इसके लिए टेस्ट्स की संख्या बढ़ाने और उसमें भी RT-PCR टेस्ट्स का आंकड़ा बढ़ाने पर फोकस करें ताकि किसी भी पॉजिटिव मरीज की जल्द से जल्द पहचान की जा सके।

इसके साथ ही राज्य अपने यहां सभी एरिया में हेल्थ फैसिलिटीज की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखें और यह सुनिश्चित करें कि इलाज उपलब्ध कराने में देरी न हो। साथ ही सभी राज्य केंद्र सरकार की तरफ से दी जा रही वित्तीय सहायता का समझदारी के साथ उपयोग करें।

केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि कि देश में कोरोना के विभिन्न वैरिएंट्स में हो रहे म्यूटेशंस को मॉनिटर करने के लिए INSACOG (इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम का गठन किया गया है, जो एक मल्टी-लैबोरेटरी है और इसका कोरोना वायरस जीनोमिक वैरिएशंस को मॉनिटर करने के लिए पैन-इंडिया नेटवर्क मौजूद है। केंद्र ने सभी राज्यों को INSACOG के जरिए वायरस को मॉनिटर करने में मदद देने के लिए अपने यहां आम जनता की सैंपलिंग को बड़े पैमाने पर बढ़ाने का आग्रह किया है।

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