दिल्लीः आम तौर पर हाम सभी घी का इस्तेमाल खाने की चीजों में करते हैं। धी में ऐसे कई पोषक तत्व हैं, तो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। आयुर्वेद में घी को एक औषधि माना गया है। प्राचीन काल से शरीर से रोगों के लक्षणों को मिटाने के लिए घी का सेवन सात्विक भोजन में किया जाता रहा है। देसी घी न केवल खाने में स्वाद और चिकनाई का स्पर्श जोड़ता है, बल्कि पोषक तत्वों से भी भरपूर है।

हालांकि कई लोग देसी घी का सेवन वजन बढ़ने के डर से नहीं करते हैं। तो चलिए आज हम आपकी सारी शंकाओं को दूर करने की कोशिश करेंगे और बताएंगे कि किस देसी घी का इस्तेमाल ज्यादा फायदेमंद है। आपको बता दें कि देसी भी दो तरह का होता है। एक पीला घी और दूसरा सफेद घी। सफेद घी जहां भैंस के दूध से, वहीं पीला घी गाय के दूध से बनता है। तो चलिए जानते हैं इन दोनों देसी घी के फायदे के बारे में और बताते हैं कि कौन सी किस्म का देसी घी आपकी सेहत के लिए ज्यादा बेहतर हैः-

सफेद यानी भैंस का घीः भैंस का घी यानी सफेद घी प्रोटीन, हेल्दी फैट, विटामिन ए, विटामिन ई और विटामिन के का बेहतरीन स्त्रोत है देसी घी। यह आपकी त्वचा, बालों, पाचन और दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। पीले घी यानी गाय का घी की तुलना में सफेद घी में फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। फैट की पर्याप्त मात्रा होने के कारण आप इसे लंबे समय तक स्टोर करके रख सकते हैं,  जबकि गाय के घी को बहुत ज्यादा दिनों तक स्टोर करके नहीं रखा जा सकता।

आपको बता दें कि सफेद घी हड्डियों को मजबूत बनाने, वजन बढ़ाने और दिल की मांसपेशियों की गतिविधियों को बढ़ाने में मदद करता है। सफेद यानी भैंस के दूध से बने घी में मैग्नीशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे जरूरी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।

सर्दी-खांसी दूर करने में मददगारः

सफेद घी यानी भैंस के घी में गाय के घी की तुलना में ज्यादा फैट और कैलोरी पाई जाती है। यह सर्दी, खांसी और कफ और जोड़ों को बनाए रखने में मदद करता है। भैंस का घी एंटीएजिंग की तरह भी काम करता है। इसके सेवन से चेहरे पर बहुत जल्दी उम्र बढऩे के निशान दिखाई नहीं देते।

पीला घी यानी गाय के घी में A2 प्रोटीनः

पीला घी यानी गाय का घी यानी पीला घी आपके वजन घटाने के लिए बहुत फायदेमंद है। यह वयस्कों से लेकर बच्चों तक में मोटापा कम करने के काम आता है। सबसे अच्छी बात है कि इसे पचाना आसान है। आपको बता दें कि गाय के दूध में ए2 प्रोटीन होता है, जो भैंस के दूध में नहीं होता। A2 प्रोटीन सिर्फ गाय के घी में ही मिलता है। गाय के घी यानी पीले घी में बहुत अच्छी मात्रा में प्रोटीन, मिनरल, कैल्शियम और विटामिन होने के कारण दिल के रोगियों को गाय का घी खाने की सलाह दी जाती है। विशेष बात यह है कि इसमें मौजूद विटामिन K2 धमनियों में कैल्शियम की मात्रा को कम करता है। यह खतरनाक ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके और पर्याप्त ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करके हृदय को स्वस्थ बनाता है।

डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदानः

गाय का घी पीले रंग का, बनावट में हल्का, स्वाद में स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। गाय के घी को अमृत माना गया है। जिसमें कई प्रकार के गुण होते हैं। गाय का घी एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर है।

पीला घी में कैलोरी भी इसमें बहुत ज्यादा होती है,जबकि भैंस के घी में ऐसे सभी गुणों का अभाव होता है। पीले रंग का घी डायबिटीज वालों के लिए बहुत असरदार है। चावल या रोटी के साथ इस घी का सेवन किया जाए, तो यह ग्लासेमिक इंडेक्स लेवल को कम कर देता है।

बेहतर कौन है पीला घी या सफेद घीः

आम तौर पर देखा जाए, तो दोनों ही तरह के घी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। फैट की मात्रा में भी बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता। बावजूद इसके भैंस के घी की तुलना में गाय के घी को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि गाय का घी ज्यादा बेहतर होता है, क्योंकि इसमें कैरोटीन विटामिन ए होता है, जो आंख और मास्तिष्क के लिए बहुत अच्छा है। साथ ही इसे पचाना बेहद आसान है।

मुझे उम्मीद है कि आप इस बात को जान गए होंगे कि दोनों में से किस घी के ज्यादा फायदे हैं। आप अपनी जरूरत के हिसाब से इनमें से कोई भी ले सकते हैं। सभी को यह समझना चाहिए कि रोजाना भोजन में घी का सेवन आपकी फिटनेस और शरीर में सुधार के लिए बेहद उपयोगी है।

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