Subscribe for notification
ट्रेंड्स

विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की दिशा में सरकार ने बढ़ाया कदम, केंद्रीय कैबिनेट ने दी कानून वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी

दिल्लीः केंद्र सरकार ने विवादास्पत तीनों नए कृषि कानूनों को वापस करने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच दिन पहले 19 नवंबर यानी गुरु पर्व के दिन इन तीनों कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। कैबिनेट की मंजूरी के बाद कानून वापसी के प्रस्ताव को संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में पारित करवाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री द्वारा गत शुक्रवार को इस संबंध में की गयी घोषणा के बाद मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दे दी गयी है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम -2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020 इन तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते समय सरकार का रूख विस्तार से रखा था और कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र में इसकी संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। एक सवाल के जवाब में

उन्होंने कहा, “ संसदीय नियमों और प्रक्रिया के तहत पहले सप्ताह में ही प्राथमिकता के आधार पर यह प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।”
पीएम मोदी ने शुक्रवार को देश के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार ये कानून किसानों के हित में नेक नीयत से लाई थी, लेकिन हम कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले संसद सत्र में कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं, विशेषज्ञों के मुताबिक संसद सत्र शुरू होने के बाद कम से कम 3 दिन में ये प्रक्रिया पूरी हो सकती है। संसद सत्र 29 नवंबर से शुरू होना है।

आए आफको समझाते हैं कि कैसे वापस होंगे कृषि कानून?
तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर, 2020 को लोकसभा ने मंजूर किया था। राष्ट्रपति ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर 27 सिंतबर को दस्तखत किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था। संविधान एक्सपर्ट विराग गुप्ता के मुताबिक, किसी भी कानून को वापस लेने की प्रक्रिया भी उसी तरह होगी, जिस तरह से कोई नया कानून बनाया जाता है।

  • सबसे पहले सरकार संसद के दोनों सदनों में इस संबंध में बिल पेश करेगी।
  • संसद के दोनों सदनों से ये बिल बहुमत के आधार पर पारित किया जाएगा।
  • बिल पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा। राष्ट्रपति उस पर अपनी मुहर लगाएंगे।
  • राष्ट्रपति की मुहर के बाद सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी।
  • नोटिफिकेशन जारी होते ही कृषि कानून रद्द हो जाएंगे।
admin

Recent Posts

कौन बनेगा बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, पीएम आवास पर हुई बैठक, एक हफ्ते में हो सकता है नड्डा के उत्तराधिकार का फैसला

दिल्लीः बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…

1 day ago

कंबल ओढ़ने पर हो जाएंगे मजबूर, बस फॉलो करें ये टिप्स, आपका कुलर देगा AC को टक्कर

दिल्लीः गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है। ऐसे में लोग भीषण गर्मी से बचने के लिए उपाय करने लगे…

5 days ago

‘एक सभ्य समाज की क्या है पहचान, जानिये ‘ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के दमदार विचार

दिल्लीः  कल यानी सोमवार 14 अप्रैल को डॉ बीआर आंबेडकर की जयंती है। उनके विचार आज भी लोगों में जोश…

5 days ago

जलियांवाला बाग हत्याकांड की बरसीः बॉलीवुड की इन फिल्मों ने रुपहले पर्दे पर इतिहास के इस दर्दनाक दृश्य को उकेरा

दिल्लीः 13 अप्रैल है और आज का दिन भारतीय इतिहास में एक ऐसे दिन के तौर पर शामिल हो, जिसे…

5 days ago

कोलकाता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती का दिया आदेश, वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा में तीन लोगों के मारे जाने की सूचना

कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद के अशांत क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। बीजेपी नेता सुवेंदु…

6 days ago