दिल्लीः देश में अभी 5G सर्विस शुरू ही नहीं हुई, लेकिन 6G टेक्नोलॉजी की तैयारी शुरू हो गई है। जीं हा यह सुनकर आपको हैरानी होगी, लेकिन यह बात हम नहीं कर रहे हैं। यह कहना है टेलिकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव का। उन्होंने मंगलवार को कहा कि भारत स्वदेश में तैयार की गई 6G टेक्नोलॉजी की दिशा में काम कर रहा है और इसे 2023 के आखिर तक या 2024 की शुरुआत में यानी दो साल में लॉन्च करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स को जरूरी परमिशन दी जा चुकी हैं।
वैष्णव ने कहा कि हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हम ऐसा टेलिकॉम सॉफ्टवेयर को डिजाइन कर रहे हैं, जो भारत में बने टेलिकॉम डिवाइस, भारत के टेलिकॉम नेटवर्क में सर्विस देगा। अगले साल की तीसरी तिमाही तक टेक्नोलॉजी के लिए एक अहम सॉफ्टवेयर भी तैयार हो जाएगा। 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी भी कैलेंडर ईयर 2022 की दूसरी तिमाही में होने की संभावना है।
आपको बता दें कि देश में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी भी कैलेंडर ईयर 2022 की दूसरी तिमाही में होने की संभावना है। इसके लिए ट्राई (TRAI) को एक रेफ्रेंस दिया गया है। उन्होंने कंसल्टेशन प्रोसेस शुरू कर दी है। यह प्रक्रिया आने वाले साल में फरवरी-मार्च की समय सीमा में कहीं खत्म होने की उम्मीद है। इस साल की शुरुआत में टेलिकॉम कंपनियों की शॉर्ट टर्म लिक्विडिटी जरूरतों के साथ-साथ लॉन्ग टर्म इश्यू पर ध्यान देने के लिए नौ सुधारों के एक सेट को मंजूरी दी थी।
भारत में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया को 5G ट्रायल के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित किए गए हैं। इस दौरान जियो और एयरटेल ने करीब 1Gbps की अधिकतम 5G स्पीड हासिल की है। वहीं वोडाफोन-आइडिया ने 5G ट्रॉयल के दौरान अधिकतम 3.5Gbps तक की स्पीड हासिल की है।