दिल्लीः टीएमसी ((TMC) ) तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ममता शाम पांच बजे मोदी से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंचीं थी। पीएम मोदी से मिलने बाद ममता ने मीडियाकर्मियों  से बात की और कहा कि मैंने राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की। साथ ही बीएसएफ (BSF) यानी सीमार सुरक्षा बल के अधिकार क्षेत्र के विस्तार के मुद्दे पर भी मैंने उनसे बात की और इस फैसले को वापस लेने की मांग की।

उन्होंने कहा कि बीएसएफ ज्‍यादा ताकत मिलेगी, तो इससे राज्‍य में कानून-व्‍यवस्‍था पर असर पड़ेगा। ऐसे में ये ध्‍यान रखना चाहिए कि कानून व्यवस्था राज्‍य का विषय होता है।  उन्होंने कहा, ” पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में हमने देखा कि कैसे सीमा सुरक्षा बल ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। बीएसएफ से जुड़ी ऐसी ही कई घटनाएं, उत्‍तर दिनाजपुर और राज्य के सीमावर्ती इलाकों में हुई हैं, इसलिए मैंने श्री मोदी से निवेदन किया है कि वह इस मुद्दे के बारे में चर्चा करें और ये सुनिश्चित करें कि राज्‍य के संघीय ढांचे की भावना को किसी तरह की ठेस न पहुंचे।”

उन्होंने कहा, “बीएसएफ के जवान हमारे दुश्मन नहीं हैं। मैं सभी एजेंसियों की इज्जत करती हूं, लेकिन कानून-व्यवस्था जो राज्य का विषय है, इससे उसमें टकराव होता है। राजनीतिक तौर पर आपके साथ हमारे जो भी मतभेद हैं, वे रहेंगे क्योंकि आपकी और हमारी पार्टी की विचारधारा अलग है, लेकिन ऐसा न हो कि केंद्र और राज्य के रिश्तों पर कोई असर पड़े। राज्य का विकास होने से केंद्र का विकास होता है।” उन्होंने कहा कि उन्‍हें अब तक 96,605 करोड़ रुपए नहीं मिले हैं, जो कि केंद्र सरकार को राज्य में आई प्राकृतिक आपदा के मुआवजे के तौर पर देना था।

ममता ने मोदी से मुलाकात के दौरान राज्य के विकास के विभिन्न मुद्दों के अलावा त्रिपुरा में हिंसा के मामले पर भी चर्चा की। उन्होंने आरोप लगाया है कि त्रिपुरा में बिप्लब देब की सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन कर रही है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को टीएमसी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने त्रिपुरा में होने वाले निकाय चुनाव पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमपीस को मिली प्रचंड जीत के बाद ममता की दूसरी बार दिल्ली आई हैं। इस जीत के साथ ही वे लगातार तीसरी बार बंगाल की मुख्यमंत्री बनी हैं। 30 सितंबर को हुए भवानीपुर उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद यह उनका दिल्ली का पहला दौरा भी है।

टीएमसी सुप्रीमो अभी से ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। बंगाल में खेला होबे का नारा देने के बाद दीदी का अगला लक्ष्य लोकसभा चुनाव के बाद खुद को तीसरे विकल्प के रूप में खड़ा करने रखा है। दीदी ने इसके लिए देशभर में पार्टी संगठन को मजबूत करने की कवायद भी शुरू कर दी है।

दिल्ली आकर ममता ने कई बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कराया है। सबसे पहले उन्होंने मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड के सांसद रह चुके पवन वर्मा ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसके बाद कांग्रेस नेता एवं पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद, उनकी पत्नी पूनम आजाद के साथ ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के घर पहुंचे और ममता बनर्जी की मौजूदगी में टीएमसी की सदस्यता ग्रहण की। इसके चंद घंटे बाद ही हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर भी टीएमसी में शामिल हो गए।

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