दिल्लीः भारत और न्यूजीलैंड के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच कानपुर में 25 नवंबर  खेला जाएगा। इससे पहले बीसीसीआई (BCCI) यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड प्रशंसकों के निशाने पर है। इसकी वजह है कानपुर में खिलाड़ियों का डाइट चार्ट। ट्विटर पर मंगलवार सुबह बीसीसीआई प्रमोट्स हलाल (#BCCI Promotes Halal) ट्रेंड होने लगा। आपको बता दें कि 25 नवंबर से शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच के लिए दोनों टीमें कानपुर पहुंच चुकी हैं और सभी खिलाड़ी होटल लैंडमार्क टावर में बायो-बबल में रहेंगे।

बताया जा रहा है कि खिलाड़ियों के मेन्यू में हलाल मीट को शामिल किया गया है, जिसके लेलकर हंगामा मच गया। लोग बीसीसीआई पर  सवाल उठ रहे हैं। ट्विटर पर लोग हलाल मीट सर्व करने के लिए बीसीसीआई पर सवाल उठा रहे हैं। आपको बता दें कि आम तौर हिंदू धर्म के लोग झटके से काटने वाले जानवरों को खाते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय आज भी हलाल मीट ही खाना पसंद करता है।

स्पोर्ट्स तक की खबर के मुताबिक बीसीसीआई ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए खाने का मेन्यू जारी कर दिया है। ऑल डे काउन्टर, स्टेडियम में मिनी ब्रेकफास्ट, लंच, टी टाइम स्नैक और रात में डिनर शामिल है। इस मेन्यू से पोर्क और बीफ बाहर रखे गए हैं। मांसाहारी व्यंजन में हलाल मीट को शामिल किया गया है।

बीसीसीआई के इस कदम को लेकर प्रशंसक गुस्से में हैं और बोर्ड पर सवाल उठा रहे हैं कि जब भारतीय टीम के अधिकांश खिलाड़ी हिंदू हैं और उनके धर्म के अनुसार ‘हलाल’ मांस खाना सख्त मना है, तो बीसीसीआई या भारतीय टीम प्रबंधन उन्हें उनके खिलाफ जाने के लिए मजबूर कैसे कर सकता है।

यूपीसीए (UPCA) के एपेक्स कमेटी ऑफिशियल अहमद अली खान ने Promotes Halal के बारे में बताया कि यह सब फालतू के ट्रेंड चल रहे है और जो लोग यह ट्रेंड चला रहे हैं वे लोग बीसीसीआई को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। बीसीसीआई और यूपीसीए ऐसे संस्थान हैं जो कभी किसी के प्रति भेदभाव नहीं करता है।

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