संवाददाता- नरेन्द्र कुमार वर्मा
दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस अब साइबर अपराधियों के साथ सख्ती से निपटेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल के बाद दिल्ली के सभी 15 जिलों में एक-एक साइबर थाना खोलने का फैसला लिया गया है।
दिल्ली में लगातार बढ़ रही साइबर अपराध की वारदातों के बाद पुलिस ने फैसला किया है कि साइबर अपराधों पर लगाम कसने के लिए अब सख्ती की जाएगी। साइबर अपराध के शिकार हुए लोगों को अब अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा।
आपको बता दें दिल्ली में साइबर क्राइम की घटनाएं लगातार घट रही है। बैंकों के जरिए ठगी, ऑन लाइन ठगी, बीमा तथा क्लेम के नाम पर ठगी, धोखे से एटीएम का पासवर्ड हासिल करना, एटीएम की क्लोनिंग तथा बैंक में जमा धन को अपने खाते में ट्रांस्फर करने जैसी बहुत सी घटनाओं के लोग रोज शिकार हो रहे हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट तथा ऑन लाइन सामने की खरीद बिक्री से जुड़ी साइटों के माध्यम से भी साइबर ठग दिल्ली में सक्रिय हैं। हालांकि दिल्ली पुलिस अपनी तरफ से लोगों का लगातार जागरुक करने का काम करती रहती है। मगर फिर भी अनजान लोग ठगों के गिरोह के जरिए साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाली दिल्ली पुलिस के साइबर थानों में साइबर क्राइम तथा आईटी के जानकार अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। साइबर ठगों द्वारा अपनाई जाने वाली नई-नई तकनीकों से अधिकारियों को वाकिफ कराया जाएगा, ताकि लोगों को साइबर क्राइम से बचाया जा सके।
साइबर थानों को फिलहाल जिन थानों परिसरों में संचालित किया जाएगा उनमें है पांडवनगर, ज्योतिनगर, साकेत, बदरपुर, वसंत विहार, हरिनगर, पश्चिम विहार, कमला मार्केट, मुखर्जी नगर, शाहदरा, बुध्दविहार, मंदिर मार्ग, द्वारका (उत्तर), समयपुर बादली और एसीपी ऑफिस मौरिस नगर में खोला जाएगा।
दिल्ली पुलिस इन सभी साइबर थानों में आईटी के निपुण पेशेवर अधिकारियों तथा कर्मचारियों को तैनात करेगी। साथ ही साइबर अपराधियों और उनके तरीकों से निपटने के लिए समय-समय पर पुलिस कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। साइबर क्राइम में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों और उनके कार्य करने की जानकारी भी पुलिस कर्मचारियों के पास रहेगी।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक साइबर अपराधी मौजूदा समय में हरियाणा के नहूं मेवात, झारखंड के जामताड़ा, बिहार के नालंदा और राजस्थान के भरतपुर से सक्रिय होकर राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को अपना शिकार बनाते रहे हैं। अभी तक साइबर क्राइम का शिकार हुए लोग स्थानीय थाने अथवा नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराते थे। जिसके बाद थाने में तैनात साइबर सेल की टीम इस तरह के मामलों की पड़ताल करती थी। दिल्ली पुलिस के पास अभी तक इस तरह के मामलों की पड़ताल करने के लिए साइपेड नाम से एक अलग यूनिट थी, जिसे साइबर प्रिवेंटेशन अवेयरनेस डिटेक्शन यूनिट कहा जाता था हालांकि अब इसका नाम बदल कर इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस कर दिया गया है।
अब यह सभी थाने इसी यूनिट के सहयोग से काम करेंगे। पुलिस अधिकारियों की माने तो 01 दिसंबर से सभी साइबर थाने अपने-अपने क्षेत्रों में कार्य करना आरंभ कर देंगे। सभी साइबर पुलिस थाने सीधे जिला पुलिस उपायुक्त को रिपोर्ट करेंगे।दिल्ली के सभी जिलों में खुलेंगे साइबर थाने
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