दिल्लीः अब आपकी रेल यात्रा और आरामदायक होगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को ‘भारत गौरव’ ट्रेनों की शुरुआत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश में 180 से ज्यादा भारत गौरव ट्रेनें चलाई जाएंगीं। देश की संस्कृति और विरासत को दर्शाने के लिए अलग अलग थीम पर ये ट्रेनें सार्वजनिक-निजी साझीदारी से चलाई जाएंगी। इसके बाद इन ट्रेनों को अपनी पसंद के किसी भी सर्किट पर चला सकेंगे। अपने हिसाब से ट्रेन का रूट, किराया और सर्विस की क्वालिटी तय कर सकेंगे।
इन ट्रेनों को लीज पर लेने के लिए सोसाइटी, ट्रस्ट, कंसोर्टियम और यहां तक कि राज्य सरकारें भी आवेदन कर सकती हैं और उन्हें थीम पर आधारित स्पेशल टूरिज्म सर्किट पर चला सकती हैं। रेलवे ने कहा कि थीम आधारित पर्यटन का मतलब गुरु कृपा जैसी ट्रेन है, जो गुरु नानक से संबंधित सभी स्थानों पर जाती है या रामायण-थीम वाली ट्रेन जो भगवान राम से संबंधित स्थानों पर जाती है।
रेल मंत्री ने कहा, “भारत गौरव ट्रेन सर्विस में एक और नया सेगमेंट होगा। हमारे देश में इतने सारे कल्चरल हेरिटेज हैं। ये ट्रेनें टूरिस्ट को इन्हीं कल्चरल हेरिटेज वाली जगहों पर लेकर जाएंगीं। इन ट्रेनों का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना है।’ इससे पहले पैसेंजर और माल ढुलाई सेगमेंट को शुरू किया जा चुका है।“
उन्होंने कहा, “हमने भारत गौरव ट्रेनों के लिए 180 से ज्यादा ट्रेनों का आवंटन किया है। इनमें 3033 कोच होंगे। ट्रेनों के ऑपरेशन के लिए आवेदन की प्रोसेस भी शुरू हो गई है। हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।’ उन्होंने कहा, ‘स्टेकहोल्डर ट्रेन को मॉडिफाई करेंगे और चलाएंगे। रेलवे मेंटेनेंस, पार्किंग और अन्य सुविधाओं में उनकी मदद करेगा।“
उन्होंने बताया कि भारत गौरव ट्रेनों के लिए देश के विभिन्न स्थानों पर 3033 कोचों को चिह्नित करके रखा गया है। पारदर्शिता को ध्यान रखते हुए ऑपरेटर को आवेदन के पहले उन कोचों को देखने तथा जांचने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन कोचों में आईसीएफ एवं एलबीएच के सभी श्रेणियों के कोच, विस्टाडोम, वंदेभारत, तेजस, आदि हर प्रकार के कोचों एवं रैकों के विकल्प होंगे। एक गाड़ी में 12 से लेकर 20 कोच तक हो सकते हैं। कोचों में थीम के मुताबिक आवश्यक बदलाव करने की छूट ऑपरेटर को दी जाएगी।
लीज पर लेने की प्रक्रिया
- ट्रेन को लीज पर लेने के लिए 1 लाख रुपए की वन टाइम फीस के साथ अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- सभी पात्र आवेदकों को कोचों का आवंटन ‘पहले आओ, पहले पाओ’ और उपलब्धता के आधार पर निर्भर होगा।
- रैक सिक्योरिटी डिपॉजिट कराने के टाइम और डेट के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी।
- ऑपरेटरों को प्रति रैक 1 करोड़ रुपए का सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा कराना होगा।
- इंडिविजुअल, पार्टनरशिप फर्म, कंपनी, सोसाइटी, ट्रस्ट, जेवी/कंसोर्टियम (अनइन्कॉर्पोरेटेड/इन्कॉर्पोरेटेड) आवेदन के लिए पात्र हैं।
प्रत्येक ट्रेन में 14-20 कोचः
- रेलवे के मुताबिक ट्रेनों को 2-10 सालों के लिए लीज पर लिया जा सकेगा।
- प्रत्येक ट्रेन में दो गार्ड वैन सहित 14-20 कोच होंगे।
- रेलवे सिर्फ हॉलेज चार्ज और राइट टू यूज फी लेगा।
- ऑपरेटरों की सुविधा के लिए रेलवे जोन में स्पेशल यूनिट स्थापित की जाएगी।
- ऑपरेटर्स के पास ट्रेनों के अंदर और बाहर ब्रांडिंग और विज्ञापन की अनुमति होगी।
फूड, लोकल ट्रांसपोर्ट, होटल जैसी मिलेंगी सुविधाएं-
- यात्रियों के पास लग्जरी, बजट कोचों का विकल्प होगा।
- ट्रेन ऑपरेटर्स को स्टॉपओवर प्लेसेज पर साइटसीइंग, फूड, लोकल ट्रांसपोर्ट, होटल की सुविधा देनी होगी।
- ऑपरेटर को ऑनबोर्ड एंटरटेनमेंट जैसी सुविधाएं भी इसके तहत देनी होंगीं।