दिल्लीः बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार हर रोज नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में रह रहे हस्तशिल्पियों और बुनकरों द्वारा तैयार की गई चीजें देश और दुनिया में बिहार का मान बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि चाहे मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा कला जैसी बिहार की पारंपरिक लोककलाकारी की कृतियां हों या बिहार के बुनकरों द्वारा तैयार सिल्क, खादी तथा अन्य उत्पाद, इनसे राष्ट्रीय स्तर पर तो बिहार की पहचान बनी ही है। इन उत्पादों की गुणवत्ता और कलाकारी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बिहार अपनी जगह बना रहा है।

इससे पहले शाहनवाज ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार दिवस समारोह और बिहार मंडप का शुभारंभ किया। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी और बिहार विधान परिषद सदस्य संजय मयुख भी मौजूद रहे।

उन्होंने बताया कि बिहार मंडप में एक जीवंत प्रदर्शनी हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित हुईं विश्व प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग की लोक कलाकार दुलारी देवी की कलाकृतियों की लगाई गई हैं, जो कि पूरे देश के युवा/युवतियों के लिए प्रेरणा और आकर्षण का केंद्र है।

उन्होंने बताया कि बिहार मण्डप में 41 स्टाल लगाये गए हैं। इनमें से 21 स्टॉल हस्तशिल्पियों और 20 स्टॉल बुनकरों के है । ये दोनों ही बिहार की पहचान हैं और इनके हुनर और इनकी उद्यमिता ने हमेशा हम सब राज्यवासियों को गौरवांवित किया है।

शाहनवाज ने बताया कि 41 स्टॉल में से 5 स्टॉल धारक ऐसे भी हैं, जिन्हें बिहार स्टार्ट अप नीति 2017 के अंतर्गत लाभ प्राप्त हुआ और वे एप्लिक कला, सुजनी कला और मधुबनी पेंटिंग की कलाकारी को अत्याधुनिक प्रबंधन कौशल के साथ आगे बढ़ा रहे हैं । इनमें से एक ने तो टेरोकोटा मिक्स मीडिया के विधा के साथ अपने उत्पादों को गांव से देश के बड़े महानगरों तक पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि बिहार की पारंपरिक विधा यानी जड़ी वर्क, लाह चूड़ी, बेंत, बांस शिल्प, मंजूषा कला की मिसाल पेश करने वाली चीजें मेले में सुर्खियां बन रही हैं। रेशम या सिल्क औऱ हैंडलूम वस्त्रों की प्रदर्शनी तो हमेशा ही आकर्षण का केंद्र रहती हैं।

बिहार दिवस समारोह पर भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में सांस्कृतिक कार्य़क्रम का भी आयोजन हुआ, जिसमें बिहार के कलाकारों ने लोकगीतों तथा शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति के जरिया समां बाधा। इस कार्यक्रम में काफी संख्या में दिल्ली में रह रहे बिहार के लोग पहुंचे थे।

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