Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
भारत के बनो, भारत को मानो और भारत को जानो, करुणा के बिना समृद्ध होने का कोई मतलब नहींः डॉ. भागवत - Prakhar Prahari
Subscribe for notification

भारत के बनो, भारत को मानो और भारत को जानो, करुणा के बिना समृद्ध होने का कोई मतलब नहींः डॉ. भागवत

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे

दिल्लीः भारत के बनो, भारत को मानो और भारत को जानो यह मंत्र आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को देशवासियों को दिया और कहा यदि मेरे पास करुणा नहीं है, तो मेरे समृद्ध होने का कोई मतलब नहीं है। भारत विकास परिषद के संस्थापक डॉ. सूरज प्रकाश की डॉ. सूरज प्रकाश जन्म शताब्दी समापन समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि दुनिया अंतहीन उपभोक्तावाद के दर्शन पर चलती है, जो योग्यतम के अस्तित्व को सुनिश्चित करती है, लेकिन भारत को व्यापक प्रगति की दृष्टि स्थापित करके इस विचार को चुनौती देना है।

भारत विकास परिषद द्वारा नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में उन्होंने कहा कि भारत लगातार विकास कर रहा है और आने वाले दिनों में यह दुनिया के शिखर पर होगा, लेकिन दुनिया के देशों को जीतकर भारत को विश्व की सबसे ब़ड़ी महाशक्ति नहीं बनना है, बल्कि लोगों का हृदय जीतकर, उन्हें उनकी अपने धार्मिक विश्वास और परंपरा के अनुसार विकास करने में सहायता देने वाला पथ-प्रदर्शक बनना है।

डॉ. भागवत ने कहा, “भारत को अपनी दृष्टि से प्रगति करनी है। हमें आत्मा और करुणा का विकास करना होगा। दुनिया एक निश्चित सिद्धांत पर चलती है जहां साध्य अनंत है और साधन सीमित हैं। यह एक संघर्ष है और सर्वश्रेष्ठता को साबित करने का विचार है। जीवन का उद्देश्य उपभोग करना है … लेकिन इस गतिशीलता का कोई भविष्य नहीं है और इसे बदलना भारत पर निर्भर है।”

उन्होंने कहा कि भारत लगातार विकास कर रहा है और आने वाले दिनों में यह दुनिया के शिखर पर होगा,  लेकिन भारत को दुनिया के देशों को जीतकर विश्व की सबसे ब़ड़ी महाशक्ति नहीं बनना है, बल्कि लोगों का हृदय जीतकर उन्हें उनकी अपने धार्मिक विश्वास और परंपरा के अनुसार विकास करने में सहायता देने वाला पथ-प्रदर्शक बनना है। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले दिनों में विश्वगुरु बनेगा।

उन्होंने कहा, “भारत के बनो, भारत को मानो और भारत को जानो (भारत बनो, भारत में विश्वास करो और भारत को जानो)। यही वह सिद्धांत है, जिस पर भारत विकास परिषद काम करती है।”

आपको बता दें कि भारत विकास परिषद आरएसएस से जुड़ा एक सामाजिक-सांस्कृतिक तथा स्वैच्छिक संगठन है, जिसकी स्थापना डॉ. सूरज प्रकाश जी ने की थी। परिषद पांच मूल सिद्धांतों सम्पर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा और समर्पण के आधार पर काम करती है। संस्कार के अंतर्गत राष्ट्रीय समूहगान, भारत को जानो प्रतियोगिता, गुरु वंदन छात्र अभिनन्दन, महिला एवं बाल विकास, सामूहिक सरल विवाह, प्रौढ़ साधना शिविर, गुरु तेगबहादुर बलिदान दिवस तथा अन्य प्रेरक आयोजन कराये जाते हैं| इसी प्रकार सेवा प्रकल्प के अंतर्गत दिव्यांग सहायता एवं पुनर्वास, वनवासी सहायता , स्वास्थ्य सेवाएं, रक्तदान, समग्र ग्राम विकास, कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त भारत, महिला सशक्तिकरण, बेटी बढ़ाओ – बेटो पढ़ाओ – बेटी बसाओ, नशामुक्ति अभियान, पर्यावरण संरक्षण, योग एवं कौशल केन्द्र, प्राकृतिक आपदा राहत, पुनर्वास कार्य आदि का आयोजन किया जाता है|

आरएसएस प्रमुख ने कहा, “भारत के पास प्रगति की दृष्टि है। कहीं और, यह शक्ति, धन और सुख तक सीमित है। हमारी सोच ऐसी नहीं है। केवल मेरे परिवार की प्रगति ही वास्तविक प्रगति नहीं है। प्रकृति की जिम्मेदारी मनुष्य पर है… हमारे लिए प्रगति केवल भौतिक दुनिया की नहीं, बल्कि हमारे आंतरिक स्व की भी है।”

उन्होंने इस दौरान लोगों को एक अनुकूल माहौल में आत्मसंतुष्टता या गर्व विकसित होने के प्रति आगाह किया और कहा,  “जब अनुकूल परिस्थितियां होती हैं, तो चिंतित होने का समय होता है। जैसे जयजयकार से उत्सव बढ़ता है, वैसा ही अहंकार भी बढ़ता है। यानी जब हर कोई आपकी प्रशंसा करता है, तो यह मनोबल बढ़ाने वाला होता है। लेकिन यह आपके अहंकार को भी बढ़ाता है। यह विनाशकारी हो सकता है। सेवा में अहंकार या अभिमान नहीं होना चाहिए। जब किसी को सुविधाएं मिलती हैं, तो उसे आराम की आदत हो जाती है। इसलिए, हमारे पूर्वजों (जो हमें कड़ी मेहनत से यहां लाए थे) को याद करना महत्वपूर्ण है।”

वहीं भारत विकास परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री श्री श्याम शर्मा ने संगठन की स्थापना के उद्देश्य  को बताते हुए कहा की संस्था का उद्देश्य भारतीय समाज का सर्वांगीण  विकास करना है, इस विकास में सामाजिक, सांस्कृतिक, नैतिक, राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक सभी प्रकार का विकास समाहित है | इस हेतु परिषद् संपन्न वर्ग को समाज के कार्यो के लिए प्रेरित कर, सेवा ,संस्कार, द्वारा जरूरतमंद लोगो के उत्थान के कार्य करता है|

समारोह में कोरोना महामारी के दौरान अनेकों चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय को स्मृति चिह्न तथा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया साथ ही भारत विकास परिषद् की पुस्तक “कॉफ़ी टेबल ” तथा भैया जी जोशी द्वारा दिए गए विशेष उदबोधनों पर संग्रहित पुस्तक का विमोचन  सर संघचालक मोहन भागवत  के द्वारा किया गया

General Desk

Recent Posts

गाजा पहुंचे नेतन्याहू, इजरायल-हमास जंग के बीच सैन्य ठिकानों का दौरा किया

दिल्लीः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान पहली बार गाजा का…

3 days ago

इमोशनल टेंशन से टूटा रहमान का रिश्ता, 29 साल बाद पत्नी सायरा से अलग हुए, लिखा- उम्मीद थी 30 साल पूरे कर लेंगे

मुंबईः बॉलीवुड के महान संगीतकार एवं ऑस्कर पुरस्कार विजेता एआर रहमान (57) करीब तीन दशक बाद अपनी पत्नी सायरा बानू…

3 days ago

भारत-चीन के बीस सीधी उड़ान शुरू करने पर चर्चा, मानसरोवर यात्रा फिर शुरू करने पर भी G20 में बातचीत

दिल्लीः पांच साल बाद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने पर…

3 days ago

21 से 24 नवंबर तक भाग्यनगर में लोकमंथन का आयोजन, राष्ट्रपति मुर्मू 22 को करेंगी उद्घाटन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः भाग्यनगर के नाम से प्रसिद्ध तेलंगाना के हैदराबाद में 21 नवंबर से वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव…

4 days ago