चंडीगढ़ः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण 611 दिनों तक बंद रहने के बाद करतारपुर कॉरिडोर बुधवार को फिर खुल गया। इस कॉरिडोल के खुलने पर पहले दिन इस कॉरीडोर से कुछ वीआईपी (VIP) और सरकारी अधिकारी करतारपुर साहिब जा रहे हैं। आज पाकिस्तान जाने वाले कुल 100 अफसरों में केंद्र और पंजाब के 50-50 अफसर शामिल हैं। अफसरों की टीम को विशेष अनुमति के बाद बॉर्डर क्रॉस कराया जाएगा और यह टीम शाम तक लौट आएगी। वहीं गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी कैबिनेट के साथ करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाएंगे।

आपको बता दें कि आज जाने वाले अधिकारियों के लिए कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगी होने की शर्त रखी गई है। इसके कोविड-19 के लिए निर्धारित अन्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। आपको बता दें कि आम श्रद्धालुओं को करतारपुर कॉरीडोर से दर्शन के लिए अभी आठ से 10 दिन तक इंतजार करना होगा। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अभी तक करतारपुर कॉरीडोर के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने भी शुरु नहीं किए हैं।

कोविड-19 के कारण 16 मार्च 2020 से करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लिए रजिस्‍ट्रेशन बंद कर दिया था। अब पूरे 1 साल 8 महीनों के बाद भारत के गृह मंत्रालय ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोलने की अनुमति दी है। एक तरफ गुरुपर्व आने वाला है और भारत सरकार के इस फैसले से सिख संगत में खुशी की लहर है।

आपको बता दें कि इस गरियारे के रास्ते सिर्फ वही लोग पाकिस्तान जा सकते हैं, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली है। इसका मतलब यह भी है कि सभी श्रद्धालुओं को अपने साथ निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट और कोविड टीकाकरण सर्टिफिकेट रखना होगा, तो चलिए नजर डालते हुए यात्रा के नियमों में हुए कुछ अहम बदलावों परः-

करतारपुर साहिब कॉरिडोर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरुदासपुर में मौजूद सिखों के पवित्र पूजनीय स्थल डेरा बाबा नानक से जोड़ता है। आपको बता दें कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का सिखों के लिए इसलिए भी महत्व है क्योंकि इसी गुरुद्वारे में गुरु नानक देव ने जीवन के आखिरी वर्ष बिताए थे और शरीर का त्याग किया था।

करतारपुर कॉरिडोर साल 2019 में ही खुल गया था लेकिन महज चार महीने के अंदर ही कोविड-19 के प्रकोप के कारण इसे बंद कर दिया गया था। यानी मार्च 2020 में इस गलियारे को बंद कर दिया गया था। अब करीब डेढ़ साल बाद इन दोनों पवित्र तीर्थ स्थलों को जोड़ने वाले इस गरियारे को एक बार फिर से खोला जा रहा है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को इस संबंध में घोषणा की। आपको बता दें कि 19 नवंबर को गुरुनानक देव की जयंती है, जिसे प्रकाश पर्व के तौर पर मनाया जाता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान बताया गया कि भारत सरकार ने इस यात्रा को कोरोना की स्थिति में सुधार को देखते हुए एक बार फिर से चालू करने का फैसला लिया है।

इसके तहत हर दिन भारत के करीब 100-200 श्रद्धालु करतारपुर साहिब कॉरिडोर से पाकिस्तान पहुंच सकते हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ही ओर का प्रशासन दैनिक आधार पर तीर्थयात्रियों की सूची जांचेंगे।

करतारपुर कॉरिडोर पर श्रद्धालुओं को तापमान चेक करवाने के साथ ही सैनिटाइजेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा। वहीं, मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी देना होगा। सभी श्रद्धालुओं को अपने साथ निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट रखना होगा, जो 72 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी अनिवार्य है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स बताया गया है कि पाकिस्तान पहुंचने पर श्रद्धालुओं को रैपिड एंटीजन टेस्ट भी करवाना होगा। हालांकि, इसके बाद उन्हें किसी तरह की जांच नहीं करवानी होगी। साथ ही, यात्रियों को पाकिस्तान के कोरोना संबंधी नियमों को मानना होगा क्योंकि दर्शन उनके क्षेत्र में होगा। यदि किसी को को यात्रा के दौरान कोरोना के लक्षण दिखेंगे, तो उन्हें आइसोलेशन में भेजा जा सकता है।

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