दिल्लीः अब सीबीआई (CBI) यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी (ED) प्रवर्तन निदेशालय के निदेश का कार्यकाल पांच साल का होगा। केंद्र सरकार ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए दोनों विभाग के निदेशकों का कार्यकाल तीन साल और बढ़ाकर पांच साल कर दिया। सरकार की ओर से आज इस संबंध में दो अध्यादेश लागू किए हैं। मौजूदा समय में दोनों विभागों के निदेशकों का कार्यकाल अधिकतम दो साल का होता था।
माना जा रहा है कि विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इस कदम पर से सवाल उठाया जाएगा। विपक्षी पार्टियां पहले ही इन एजेंसियों पर सरकार के पक्ष में काम करने और विपक्षी नेताओं को टारगेट कर कार्रवाई करने का आरोप लगाती रही हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों अध्यादेशों पर साइन कर कर दिए हैं। आपको बता दें कि मौजूदा समय में संसद का सत्र नहीं चल रहा है। ऐसे में राष्ट्रपति ने अध्यादेश लाने की जरूरत को सही माना है। हालांकि दोनों अधिकारियों को 5 साल का कार्यकाल पूरा होने पर कोई सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा। दोनों एजेंसियों के मौजूदा प्रमुखों के कार्यकाल के 2 साल पूरा होने के बाद उन्हें अगले 3 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।
मौजूदा समय में 1985 बैच के आईपीएस (IPS) यानी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी एवं महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी (DGP) यानी पुलिस महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल सीबीआई के निदेशक हैं। इन्हें मई 2021 में निदेशक बनाया गया था। वहीं संजय कुमार मिश्रा ईडी के निदेशक हैं। मिश्रा ने नवंबर 2018 में पद ग्रहण किया था। मिश्रा 1984 बैच के आईआरएस (IRS) यानी भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में एक अभूतपूर्व फैसले के तहत मिश्रा के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ा दिया था। मिश्रा का कार्यकाल नवंबर 2020 में खत्म हो गया था।
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से कुछ दिन पहले केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) 2021 और दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेबलिशमेंट एक्ट (संशोधन) 2021 नाम के दो अध्यादेश लाई है। ऐसे में उम्मीद है कि केंद्र सरकार इनसे संबंधित बिल शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पेश कर सकती है। आपको बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होने वाला है।
हाल ही में जस्टिस एलएन राव की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख संजय मिश्रा के सेवा विस्तार से जुड़े मामले में एक फैसला दिया था। बेंच ने कार्यकाल के विस्तार को हाईलाइट करते हुए कहा था कि केवल दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही सेवा विस्तार किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि ईडी केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आने वाली एक विशेष जांच एजेंसी है, जो मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा कानूनों और विनियमों से जुड़े मामलों की जांच करती है। वहीं, सीबीआई कार्मिक पेंशन एवं लोक शिकायत मंत्रालय के अधीन करने वाली एक प्रमुख जांच एजेंसी है। यह एक नोडल पुलिस एजेंसी भी है, जो इंटरपोल के सदस्य देशों के साथ मिलकर जांच भी करती है।
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