महाराष्ट्र के गढ़चिरौली पुलिस और नक्सलियों में मुठभेड़, पुलिस ने 26 नक्सलियों को मार गिराने का किया दावा

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मुंबईः पुलिस ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 26 नक्सलियों के मार गिराने का दावा किया है। गढ़चिरौली के एसपी अंकित गोयल ने शनिवार को बताया कि जिले के ग्यारापट्टी के जंगलों में आज महाराष्ट्र पुलिस की सी-60 यूनिट के साथ मुठभेड़ में 26 नक्सली मारे गए। वहीं पुलिस ने मारे गए नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और नक्सली साहित्य जब्त किए गए हैं।

गोयल के मुताबिक नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में चार पुलसकर्मी घायल हुए हैं। घायल पुलिसकर्मियों की पहचान रविंद्र नेताम (42), सर्वेश्वर अतराम (34), महरू कुदमेठे (34) और टीकाराम कटांगे (41) के रूप में हुई है। इन्हें उपचार के लिए नागपुर के ऑरेंज सिंटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

उन्होंने  बताया कि यह मुठभेड़ गढ़चिरौली के इतिहास में दूसरी सबसे लंबी मुठभेड़ थी। मुठभेड़ आज सुबह लगभग 6 बजे शुरू हुई और शाम 4 बजे खत्म हुई। इससे पहले पुलिस ने  23 अप्रैल, 2018 को गढ़चिरौली दो अलग-अलग झड़पों में 40 माओवादियों को मार गिराया था। इस दौरान एटापल्ली तहसील के बोरिया-कास्नासुर इलाके में जहां 34 मारे गए, वहीं एक ही समूह के 6 लोगों को अहेरी तहसील में कथित तौर पर फरार होने के दौरान मार गिराया गया था।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पुलिस अभी मारे गए नक्सलियों की शिनाख्त में लगी हुई है। अभी तक 26 शव बरामद हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक मारे गए नक्सियों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि, घने जंगल और रात होने की वजह से सर्च ऑपरेशन अभी होल्ड कर दिया गया है।

मुठभेड़ के दौरान मिलिंद तेलतुंबड़े नाम के एक इनामी नक्सली के मारे जाने की सूचना है। इस पर 50 लाख रुपए का इनाम था। पुलिस सरेंडर किए नक्सलियों से मारे गए लोगों की पहचान करवाएगी। पुलिस के मुताबिक, मिलिंद तेलतुंबड़े भीमा कोरेगांव मामले में दायर एनआईए (NIA) यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी की चार्जशीट में भी एक आरोपी था।

पुलिस के मुताबिक मिलिंद आनंद तेलतुंबड़े का भाई है। मिलिंद अपने संगठन के विस्तार के लिए आनंद के लिखे साहित्य का इस्तेमाल करता था। मिलिंद नक्सलियों को प्रशिक्षित करने और नए रंगरूटों को गोरिल्ला युद्ध प्रशिक्षण देने के लिए शिविर आयोजित करता था। मिलिंद, दीपा, प्रवीण, अरुण और सुधीरी के नाम से भी जाना जाता था। मिलिंद की पत्नी एंजेला सोंताके को 2011 में गिरफ्तार किया गया था। वह भी कई अपराधों में नामजद थी।

आपको बता दें कि पुलिस ने कुछ दिन पहले 2 लाख के इनामी नक्सली मंगारु मांडवी को भी गिरफ्तार किया था। नक्सली मंगारु पर हत्या और पुलिस पर हमला करने के कई मामले दर्ज हैं।

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