दिल्लीः हल्दी की मेडिसिनल वैल्यू के कारण डिलीवरी के बाद महिलाओं को इसे लेने की सलाह दी जाती है। हल्दी को गोल्डन स्पाइस और भारतीय का केसर भी कहा जाता है। यह एक मेडिसिनल प्लांट है जिसमें बायो एक्टिव कंपाउंड करक्यूमिन पाया जाता है। हल्दी कई मायनों में लाभदायक है, लेकिन सभी लोग जानते हैं कि डिलीवरी के तुरंत बाद ही मां अपने बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग भी शुरू करती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हल्दी का सेवन ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान भी सुरक्षित है?

​ हल्दी का सेवन ब्रेस्टफीडिंग के दौरान है सुरक्षितः

जी हां, बिल्कुल हल्दी ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी उपयोग करने के लिए सुरक्षित है। महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग के समय भी हल्दी का उपयोग कर सकती हैं। अमेरिका के स्टेट फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन ने भी हल्दी को सुरक्षित फूड इनग्रेडिएंट्स की श्रेणी में रखा है।

हल्दी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में सहायक होती है। हालांकि हल्दी का कोई साइंटिफिक एविडेंस तो नहीं है, लेकिन हल्दी का सेवन आप सुरक्षित रूप से कर सकती हैं। हां यदि आप हल्दी को दूध बढ़ाने वाले एजेंट के तौर पर देख रहे हैं तो हम आपको सलाह देंगे कि इसके लिए आपको अपने लेक्टेशन स्पेशलिस्ट से सलाह ले लेनी चाहिए।

न्यूट्रिशन वैल्यूः

हल्दी में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के साथ-साथ बायो एक्टिव कंपाउंड, उदाहरण के तौर पर करक्यूमिन पाया जाता है जो सेहत के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक है। इसलिए आपको अपने आहार में हर दिन हल्दी शामिल करनी चाहिए। आपको बता दें कि एक चम्मच हल्दी में लगभग 2 ग्राम फाइबर, 15 मिलीग्राम कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और कोलिन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो आपको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेंगे। इसके साथ ही हल्दी ओमेगा 3 फैटी एसिड भी होता है।

हल्दी के फायदेः हल्दी इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होती है। इसका उपयोग करके गले की खराश और सर्दी जैसी तकलीफ से भी छुटकारा पाया जा सकता है। छोटे-मोटे खरोंच या इन्फेक्शन को ट्रीट करने में भी हल्दी मदद करती है।

आपको बता दें कि हल्दी में बहुत सारे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। हल्दी खाने से आपका पेट भी ठीक रहता है। आपको गैस, कब्ज जैसी तकलीफ से छुटकारा मिल सकता है।

मेंटल हेल्थ के लिए भी हल्दी बहुत ही उपयोगी है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जो आपके दिमाग को शांत रखने और डिप्रेशन को कम करने में मदद करते हैं। हल्दी के सेवन से किसी भी तरह के दर्द दूर करने में मदद मिल सकती है। प्रेग्‍नेंसी के बाद इन्फ्लेमेटरी अर्थराइटिस जैसी समस्या में भी हल्दी बहुत लाभ देती है और हर तरह के ज्वाइंट पेन को दूर करने में भी यह सहायक है।

हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है। साथ ही इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाई जाती है। यह आपके कोलेस्ट्रोल लेवल को भी कम करने में मदद करती है। इसके साथ एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल गुण भी हल्दी में पाए जाते हैं।

बाजार में हल्दी दो तरह से उपलब्ध है- सूखी हल्दी और हल्दी पाउडर। कुछ एसेंशियल ऑयल के रूप में भी हल्दी पाई जाती है। आप किसी भी तरह से हल्दी बाजार से खरीद सकती हैं, लेकिन हल्दी खरीदते समय यह ध्यान रखें कि यह कि आप ऑर्गेनिक प्रोडक्ट ही खरीदें और उसकी क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए।

दुनिया के कई देशों में हल्दी की खेती की जाती है, लेकिन भारतीय हल्दी को सबसे अच्छा माना गया है। हल्दी खरीदने के बाद इसे एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करके रखें। इस पर सीधे लाइट ना पड़ने दें, क्योंकि इससे इसका हल्दी का रंग उड़ सकता है।

भोजन में कैसे शामिल करें हल्दीः

आप किसी भी भोजन हल्दी डालकर खा सकते हैं। आप चाहें तो दूध, सूप, सलाद, करी में हल्दी डालकर का सेवन कर सकते हैं। मीट में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

हल्दी को अचार में भी डाला जाता है, लेकिन किसी भी चीज में हल्दी डालते समय इस बात का ध्यान रखें कि हल्दी का फ्लेवर बहुत तेज होता है, तो उस डिश के हिसाब से ही हल्दी की मात्रा का चुनें।

अब सवाल उठता है कि प्रेग्‍नेंसी के तुरंत बाद ब्रेस्टफीडिंग के दौरान हल्दी का सेवन सुरक्षित है, तो इसका जवाब है। बहुत-सी सभ्यताओं में हल्दी का सेवन दूध को बढ़ाने के लिए किया जाता है, लेकिन इस बात के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं, फिर भी आप अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह ले सकती हैं। इसके अलावा भी हल्दी में बहुत सारे मेडिसिनल गुण पाए जाते हैं, तो इसका सेवन सेहत की दृष्टि से बहुत ज्यादा लाभदायक होता है।

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