Covaxin

दिल्लीः भारत बायोटेक की देसी वैक्सीन कोवैक्सिन को लगवा कर ब्रिटेन जाने वाले यात्रियों को अब सेल्फ आइसोलेट नहीं होना पड़ेगा। जी हां ब्रिटेन अपनी अप्रूव्ड कोविड-19 वैक्सीन लिस्ट में कोवैक्सिन को भी शामिल करने जा रहा है।

आपको बता दें कि हाल ही में डब्ल्यूएचओ (WHO) यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोवैक्सिन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इसके बाद इंग्लैंड ने यह कदम उठाया है। ब्रिटेन ने चीन की सिनोवेक और सिनोफार्म वैक्सीन को भी अपनी अप्रूव्ड कोविड-19 वैक्सीन लिस्ट में शामिल करने का फैसला लिया है। यूके से पहले अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने कोवैक्सिन को मंजूरी दी थी।

भारत में ब्रिटिश हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस ने ट्वीट किया, “यूके की यात्रा करने वाले भारतीय यात्रियों के लिए अच्छी खबर। कोवैक्सिन सहित डब्ल्यूएचओ की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग में शामिल कोविड-19 वैक्सीन से फुली वैक्सीनेटेड ट्रैवलर्स को 22 नवंबर से सेल्फ आइसोलेशन में नहीं रहना होगा।“

आपको बता दें कि कोवैक्सिन से फुली वैक्सीनेटेड ट्रैवलर्स को अराइवल पर प्री-डिपार्चर टेस्ट, डे-8 टेस्ट या सेल्फ-आइसोलेट होने की जरूरत नहीं होगी। यह बदलाव 22 नवंबर को सुबह 4 बजे से प्रभावी होंगे। ब्रिटेन के ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी ग्रांट शाप्स ने कहा, “नई घोषणाएं इंटरनेशनल ट्रैवल को फिर से शुरू करने के अगले चरण को चिह्नित करती हैं।“

ब्रिटिश सरकार ने यूके आने वाले 18 साल से कम के यात्रियों के लिए भी नियमों को सरल बनाया है। उन्हें अब बॉर्डर पर फुली वैक्सीनेटेड माना जाएगा और अराइवल पर सेल्फ-आइसोलेशन, डे-8 टेस्टिंग और प्री-डिपार्चर टेस्टिंग से छूट दी जाएगी। उन्हें केवल पोस्ट-अराइवल टेस्ट कराना होगा। अगर वह पॉजिटिव पाए जाते हैं तो पीसीआर (PCR) टेस्ट भी होगा।

भारत बायोटेक की कोवैक्सिन ऐसी दूसरी भारतीय वैक्सीन है, जिसे डब्ल्यूएचओ ने मंजूरी दी है। इससे पहले कोवीशील्ड को डब्ल्यूएचओ का अप्रूवल मिला था। इसके लिए कोवैक्सिन को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने अप्रैल में डब्ल्यूएचओ की एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) को स्वीकार किया था।

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