दिल्लीः चार दिनों तक चलने वाला पवित्र छठ महापर्व सोमवार नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग इस त्योहार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं। साथ ही देश के अन्य हिस्सों में भी छठ मनाई जा रही है। आज ‘नहाय-खाय’ से ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है।

छठ मंहापर्व के दौरान नहाय-खाय के दिन कद्दू-भात का प्रसाद बनाया जाता है और व्रती इसे ग्रहण करते हैं। नहाय-खाय के दिन से घर में सात्विक भोजन बनने लगता है और साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दौरान व्रती भोजन में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। व्रती नहाने के बाद ही भोजन बनाते हैं। छठ पर महिलाएं उपवास करती हैं और घुटने तक गहरे पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं।

छठ के मौके पर दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है। यमुना नदी में अमोनिया का लेवल काफी बढ़ गया है। इससे यमुना नदी में झाग बन गया है और झाग के बीच स्नान करती व्रतियों की तस्वीरें सामने आई हैं, जिसके बाद राजनीति गरमा गई है। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या इसी वजह से यमुना किनारे छठ पूजा मनाने पर रोक लगाई थी।

चलिए आपको बताते हैं छठ महापर्व के कार्यक्रम के बारे मेः-

छठ पूजा का कार्यक्रम
8 नवंबर 2021, सोमवार- (नहाय-खाय)
9 नवंबर 2021, मंगलवार-(खरना)
10 नवंबर 2021,बुधवार- (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
11 नवंबर 2021, शुक्रवार- (उगते सूर्य को अर्घ्य)

छठ महापर्व की पूजा सामग्रीः
छठ महापर्व में विशेष पूजा सामग्रियों का इस्तेमाल होता है, जिनमें टोकरी, लोटा, फल, मिठाई, नारियल, गन्ना और हरी सब्जियां प्रमुख हैं। इसके अलावा दूध-जल के लिए एक ग्लास, शकरकंदी और सुथनी, पान, सुपारी और हल्दी, अदरक का हरा पौधा, बड़ा मीठा नींबू, शरीफा, केला और नाशपाती का इस्तेमाल होता है। साथ ही लोग पानी वाला नारियल, मिठाई, गुड़, गेहूं, चावल और आटे से बना ठेकुआ, चावल, सिंदूर, दीपक और शहद भी प्रसाद के तौर पर देते हैं।

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