दिल्लीः आज पांच नवंबर यानी गोवर्धन पूजा है। गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन यानी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। गोवर्धन पूजा को देश के कुछ हिस्सों में अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस पावन दिन भगवान श्री कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा- अर्चना की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण को 56 या 108 तरह के पकवानों का भोग भी लगाया जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं गोवर्धन पूजा के शुभ मुहूर्त तथा पूजा विधिः
इस साल गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त – अपराह्न 03:22 बजे से शाम 05:33 बजे तक है।
अवधि – 02 घण्टे 11 मिनट्स
गोवर्धन पूजा की विधि-
• सबसे पहले घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाएं।
• इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें।
• वैदिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन विधि विधान से सच्चे दिल से गोवर्धन भगवान की पूजा करने से सालभर भगवान श्री कृष्ण की कृपा बनी रहती है।
• भगवान श्री कृष्ण का अधिक से अधिक ध्यान करें।
• इस दिन भगवान को 56 या 108 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाने की परंपरा भी है।
• भगवान श्री कृष्ण की आरती करें।
गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा-
वैदिक मान्यताओं के मुताबिक ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। श्रीकृष्ण ने इन्द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं। कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत मनाकर उसे पूजते हैं तो कुछ गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को जमीन पर बनाते हैं।