वाशिंगटनः अमेरिका ने कहा है कि चीन अपनी परमाणु शक्ति का तेजी से विस्तार कर रहा है। अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट खुलासा किया है कि अमेरिकी अधिकारियों ने एक साल पहले जो अनुमान लगाया था,उसकी तुलना में चीन काफी तेजी से अपने परमाणु हथियारों का भंडारन कर बढ़ा रहा है।
पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक छह साल में चीन के परमाणु हथियारों की संख्या बढ़कर 700 हो सकती है और 2030 तक यह 1000 से भी अधिक हो जाएगी। हालांकि पेंटागन की रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि मौजूदा समय में चीन के पास कितने परमाणु हथियार हैं, लेकिन एक साल पहले पेंटागन ने कहा था कि यह संख्या 200 के करीब हो सकती है, जिसके इस दशक के अंत तक दोगुना होने की संभावना है।
अमेरिकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में चीन के साथ खुले तौर पर संघर्ष का सुझाव नहीं दिया गया है, लेकिन इसमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को लेकर अमेरिका की चिंताओं को उजागर किया गया है। चीन की सेना को युद्ध के सभी क्षेत्रों (हवा, जमीन, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबरस्पेस) में अमेरिका को चुनौती देने की इच्छा रखती है। वहीं ताइवान को लेकर चीन के रवैये पर भी अमेरिकी अधिकारियों ने चिंता जताई है।
अमेरिका के इस रिपोर्ट को ‘मिलिट्री एंड सेक्युरिटी डेवलपमेंट्स इवॉल्विंग पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना 2021’ नाम दिया गया है। इसमें बताया है कि 2020 में एलएसी (LAC) यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के सीमा गतिरोध के दौरान चीन ने हिमालय के दूरदराज के इलाकों में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क बिछाया स्थापित किया। इसका मकसद कम्युनिकेशन को तेज करना था और विदेशी घुसपैठ को लेकर अलर्ट रहना था। एलएसी पर हुए टकराव के चलते चीनी सेना ने बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती भी की थी।
आपको बता दें कि अमेरिकी रक्षा विभाग की यह रिपोर्ट दिसंबर 2020 तक जुटाई की गई जानकारियों पर आधारित है। इसमें पिछली गर्मियों में चीनी हाइपरसोनिक हथियार टेस्ट के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, जिस पर जनरल मार्क मीले ने अक्टूबर में चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि यह एक परेशान करने वाला कदम है। हालांकि, रिपोर्ट में चीन की DF-17 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का जिक्र है, जो कि हाइपरसोनिक ग्लाइड ह्वीकल से लैस थी।