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अयोध्याः पवित्र रामनगरी अयोध्या इस बार 12 लाख दीयों से जगमगाएगी। बताया जा रहा कि 12 लाख दीयों में राम की पैड़ी पर 9 लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में 3 लाख दीपक प्रज्‍जवलित होगें। इस साल उत्तर प्रदेश के अयोध्या 5वें दीपोत्सव पर एक और रिकॉर्ड बनाने को आतुर है। आज यानी 3 नवंबर की शाम यहां के 32 घाटों को दीयों की रोशनी से जगमग होंगे। जी हां आज अयोध्या में दीपकों की छटा देखने लायक होगी। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए 12 हजार वॉलंटियर तैनात हैं। इन्होंने दीप से रामायण कालीन प्रसंग सजाए हैं। इन दीयों में 36000 लीटर तेल का इस्तेमाल होगा।

डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने राम की पैड़ी पर दीप बिछाने के काम को अंतिम रूप दे दिया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह की गाइडेंस में विश्वविद्यालय प्रशासन ने 32 घाटों पर लगभग 200 समन्वयक, 32 पर्यवेक्षक एवं 32 प्रभारी नियुक्त किए हैं। विश्वविद्यालय परिसर के कई विभाग, महाविद्यालय, स्वयंसेवी संस्थाएं और इंटर कॉलेज के शिक्षक और छात्र बतौर वॉलंटियर शामिल किए गए हैं।

राम की पैड़ी के 32 घाटों पर रामायण कालीन प्रसंग के लिए 12 लाख अधिक दीप सजाए गए हैं। राम की पैड़ी के घाट नंबर 2 पर आजादी के अमृत महोत्सव का पैटर्न दिया गया है। घाट नंबर 3 और 4 पर केवट प्रसंग और राम-रावण युद्ध के पैटर्न पर दीए सजाए गए हैं। वहीं घाट नंबर 5 और 6 पर रामभक्त हनुमान, जबकि एक पर भारत श्रेष्ठ भारत का लोगो देखते ही बन रहा है।

डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र वर्मा ने बताया कि वॉलंटियर के लिए बसों का इंतजाम किया गया है। कोविड-19 के प्रोटोकॉल के साथ उन्हें दीप जलाने को कहा गया है। बिना ID कार्ड के किसी को घाट पर प्रवेश नहीं मिलेगा।

कैसे होगी दीपकों की गिनती
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के टाइम कंसल्टेंट निश्चल भनोट ने बताया कि रिकॉर्ड के लिए हर दीपक को कम से कम 5 मिनट एक समान जलाना होता है। एक ड्रोन के जरिए हम दीपों की गिनती करते हैं और दूसरा ड्रोन दीप के जलने और न जलने की हमें विजुअल जानकारी देता है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी (Yogi Adityanath) की सरकार बनने के साथ ही 2017 में अयोध्या राम की पैड़ी पर दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत हुई. सबसे पहले लगभग 1,80, 000 दीपक जलाए गए थे. इसी तरह 2018 में 3,01,152, फिर 2019 में 5,50,000 फिर 2020 में 5,51000, और अब 2021 जो योगी सरकार के इस कार्यकाल का अंतिम साल है. तब अयोध्या न सिर्फ अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ेगी बल्कि ऐसा कीर्तिमान भी बनाएगी जो एक बड़ी चुनौती होगा.

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