रोमः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में कंपनियों पर कम से कम 15 प्रतिशत की दर से कर लगाने के निर्णय पर सहमति का स्वागत किया किया है। पीएम मोदी ने यहां जी20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को और अधिक भरोसेमंद बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने कोविड-19 महामारी के बुरे दौर में भी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को समर्थन जारी रखा।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 की बैठक में न्यूतम 15 प्रतिशत की दर से वैश्विक कार्पोरेट कर लागने पर सहमति बनने का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में यह हमारे लिए बड़े संतोष का विषय है। वैश्विक स्तर पर काम करने वाली कंपनियों पर न्यूनतम कर लगाने की जरूरत सबसे पहले पीएम मोदी ने ही उठायी थी। ठीक ठीक कहें तो मोदी ने जी-20 के 2014 के शिखर सम्मेलन में यह प्रस्ताव रखा था।” उन्होंने कहा कि जी-20 ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है। यह भारत के लिए संतोष जनक है।

आपको बता दें कि जी-7 के मंच पर भी इस प्रस्ताव को स्वीकार किया जा चुका है तथा कुछ एक को छोड़ कर ओईसीडी के अधिकतर देश इसके साथ सहमति दर्ज कर चुके हैं।

विदेश सचिव ने कहा कि अभी कंपनियां कर से बचने के लिए अपनी आय उन देशों/क्षेत्रों में दिखाती है जहां उन्हें कम से कम कर देना पड़े। न्यूनतम वैश्विक कार्पोरट कर से करापवंचन के मामलों में वैश्विक सहयोग बढ़ेगा। देशों के कराधार के क्षरण जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि पीएम कोरोना वायरस महामारी के गंभीर दौर के समय ही वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की विश्वसनीयता पर जोर देते आ रहे हैं। आपको बता दें कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में चीन जैसे कुछ देशों पर बहुत अधिक निर्भरता के कारण महामारी के दौर में कई देशों में मास्क, पीपीटी किट और दस्ताने जैसी बहुत जरूरी चीजों की आपूर्ति के भी लाले पड़ गए थे।

भारत जैसे देशों में आज भी मोटरवाहन और अन्य उद्योग कंप्यूटर चिप और अन्य उपकरणों की कमी के कारण मांग के अनुरूप उत्पादन और आपूर्ति नहीं बढ़ा पा रहे हैं।

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