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अंतरराष्ट्रीय

पोप से मिले मोदी, भारत आने का दिया न्योता, जलवायु परिवर्तन और गरीबी उन्मूलन को लेकर हुई बातचीत

रोमः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यूरोप दौरे के दूसरे दिन वेटिकन सिटी पहुंचकर कैथोलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्म-गुरु पोप फ्रांसिस और सेक्रेट्री ऑफ स्टेट कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से मुलाकात की। आपको बता दें कि पोप फ्रांसिस से मोदी की यह पहली मुलाकात है। इस दौरान पोप को भारत आने का न्योता दिया।

पीएम मोदी और पोप के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई, जबकि मुलाकात का समय 20 मिनट ही तय किया गया था। इस दौरान दोनों के बीच जलवायु परिवर्तन, गरीबी हटाने और दुनिया को बेहतर बनाने को लेकर चर्चा हुई।

 

प्रधानमंत्री निजी तौर पर पोप से मिले। यह मुलाकात प्रधानमंत्री के आधिकारिक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थी, क्योंकि विदेश मंत्रालय ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत 3 राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच होने वाली मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच पिछले महीने ‘आकस’ (AUKUS) के मसले पर भी बातचीत हुई थी। अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच सबमरीन डील को लेकर काफी तनातनी हुई थी। फ्रांस ने इस डीड का विरोध किया था। हालांकि, अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और मैक्रों की बातचीत हो चुकी है और मामला ठंडा होता नजर आ रहा है।

मैक्रों के साथ मुलाकात के दौरान मोदी की कोशिश होगी कि किसी भी तरह AUKUS देशों के बीच मतभेद न हों, क्योंकि अगर ऐसा होता है तो चीन हिंद और प्रशांत महासागर में इसका फायदा उठा सकता है। कोई भी देश ये नहीं चाहेगा।

उधर, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जी-20 शिखर सम्मेलन में वर्चुअली शामिल हो रहे हैं। इसलिए इस बात की कोई संभावना नहीं है कि इस विश्व मंच पर दोनों देशों के नेताओं से प्रधानमंत्री की मुलाकात होगी। आपको बता दें कि भारत और रूस के बीच दोस्ताना रिश्ते हैं और मजबूत रक्षा सहयोग है। चीन को लेकर पूरी दुनिया फिक्रमंद है। भारत को विशेष तौर पर चीन से चीन से खतरा है।

आपको बता दें कि दोनों देशों के लद्दाख का मसला अब तक सुलझा नहीं है। 14 दौर की बातचीत के बाद भी पूरी तरह सैन्य वापसी नहीं हो सकी है। ऐसे में भारत दक्षिण चीन सागर के तमाम सहयोगियों को एक साथ चीन के विस्तारवादी इरादों के खिलाफ लाने की कोशिश करेंगे। यहां इंडोनेशिया भी होगा और सिंगापुर भी। मोदी इन दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ भी मुलाकात करेंगे।

General Desk

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