Subscribe for notification
ट्रेंड्स

बदल गया नाम, फेसबुक नहीं, अब मेटा के नाम से जानी जाएगी सोशल नेटवर्किंग साइ, जानें क्या-क्या हुआ है बदलाव और यूजर पर पड़ेगा क्या असर

वाशिंगटनः सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक अब ‘मेटा’ नाम से जानी जाएगी। फेसबुक के संस्थापक एवं सीईओ (CEO) मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार को ऑकलैंड में आयोजित वार्षिक समारोह में घोषणा की। उन्होंने कहा, “भविष्य के वर्चुअल-रियलिटी विजन (मेटावर्स) को हासिल करने के लिए हम खुद को री-ब्रांड कर रहे हैं। अब हमारे लिए फेसबुक फर्स्ट की जगह मेटावर्स फर्स्ट होगा।“

इस बदलाव के बाद अब कंपनी के शेयरों में एक दिसंबर से एफबी (FB) की बजाय MVRS (मेटा प्लेटफॉर्म इंक) सिंबल से ट्रेडिंग शुरू होगी। जुकरबर्ग ने कहा कि मेटा ग्रीक शब्द ‘बियॉन्ड’ से आया है। यह दुनिया में कंपनी का बेहतरीन प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि हमारी कंपनी लोगों को जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी बनाती है। उन्होंने बतलाया कि इस बदलाव का मकसद फेसबुक को मेटावर्स कंपनी के तौर पर पेश करना है। इसके बाद फेसबुक का मुख्य सोशल ऐप नए ब्रांड नेम के अंब्रेला में मौजूद होगा।

जुकरबर्ग ने बताया कि इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप सहित कंपनी के दूसरे ऐप और सर्विस नए बेसिक स्ट्रक्चर में ही काम करेंगे। यह री-ब्रांडिंग वैसी ही होगी। उन्होंने बताया कि यह ठीक उसी तरह होगा , जैसा गूगल ने अल्फाबेट नाम से ओरिजनल स्ट्रक्चर सेट करने के लिए किया था। हालांकि अल्फाबेट की तर्ज पर फेसबुक कॉरपोरेट री-स्ट्रक्चरिंग नहीं करेगी। कंपनी ने कहा है कि हमारी फाइनेंशियल रिपोर्टिंग दो सेगमेंट- रियलिटी लैब्स और फैमिली ऑफ ऐप्स में बंट जाएगी।

जुकरबर्ग ने कहा कि नए नाम के साथ हमारे इरादों की भी झलक मिलती है। साथ ही ये भी साफ होता है कि हम क्या करना चाहते हैं। पुराना नाम हमारी पूरी और सही पहचान बताने में शायद उतना कामयाब नहीं रहा, लोग फिर भी हमारे साथ जुड़े हैं। आने वाले वक्त में हम ज्यादा बेहतर तरीके से खुद को पेश कर पाएंगे।

तो चलिए फेसबुक के इस बदलाव की वजह क्या है और इसका उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा, जैसे सवालों का जवाब तलाशते हैं।

क्यों बदला नाम?
फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और कंपनी के दूसरे प्लेटफॉर्म एक पेरेंट कंपनी के अंदर लाने के महसद से बदलाव किया गया। ये बदलाव मेटावर्स पर फोकस करने के लिए किया गया है। जुकरबर्ग का मानना है कि आने वाले समय में मेटावर्स दुनिया की वास्तविकता होगी। वे मेटावर्स तकनीक की इस रेस में पीछे नहीं रहना चाहते हैं।

क्या मेटावर्स है?
मेटावर्स एक तरह की आभासी दुनिया होगी। इस तकनीक से आप वर्चुअल आइंडेंटिटी के जरिए डिजिटल वर्ल्ड में एंटर कर सकेंगे। यानी एक पैरेलल वर्ल्ड, जहां आपकी अलग पहचान होगी। उस पैरेलल वर्ल्ड में आप घूमने, सामान खरीदने से लेकर, इस दुनिया में ही अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से मिल सकेंगे।

कैसे करता है काम है?
मेटावर्स ऑग्मेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी कई टेक्नोलॉजी के कॉम्बिनेशन पर काम करता है।

इसका एक्सपीरिएंस कब तक मिल सकता है?
कंपनी के आधिकारिक ब्लॉग के मुताबिक मेटावर्स बनाने के अभी शुरुआती फेज में है। मेटावर्स को पूरी तरह से डेवलप होने में 10 से 15 साल लग सकते हैं। साथ ही ये समझना भी जरूरी है कि मेटावर्स को कोई एक कंपनी नहीं बना सकती। ये अलग-अलग टेक्नोलॉजी का बड़ा सा जाल है जिस पर कई कंपनियां मिलकर काम कर रही हैं।

कौन-कौन सी कंपनियां मेटावर्स पर काम कर रही हैं?
मेटावर्स में सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, एसेट क्रिएशन, इंटरफेस क्रिएशन, प्रोडक्ट और फाइनेंशियल सर्विसेस जैसी कई कैटेगरी होती हैं। इन सभी कैटेगरी पर सैकड़ों कंपनियां काम कर रही हैं। फेसबुक के अलावा गूगल, एपल, स्नैपचैट और एपिक गेम्स वो बड़े नाम हैं जो मेटावर्स पर कई सालों से काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि मेटावर्स 2035 तक 74.8 लाख करोड़ रुपए की इंडस्ट्री हो सकती है।

फेसबुक प्रारंभिक चरण में मेटावर्स पर कितना खर्च करेगी?
शुरू में कंपनी मेटावर्स पर 10 बिलियन डॉलर, यानी करीब 75 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। कंपनी की ये विंग ऑग्मेंटेड और वर्चुअल रियलिटी पर काम करेगी। इसका इस्तेमाल कर यूजर वर्चुअल वर्ल्ड का एक्सपीरिएंस ले सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए फेसबुक 10 हजार लोगों को हायर करने का ऐलान भी कर चुकी है।

admin

Recent Posts

पूर्व गृह सचिव अजय भल्ला मणिपुर, वीके सिंह मिजोरम गवर्नर बने, केंद्र सरकार ने पांच राज्यों के राज्यपाल बदले

दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल बनाया है। इसके साथ पूर्व सेना…

19 hours ago

पानी के लिए तरस रही है दिल्ली की जनता और झूठे सपने बेच रहे हैं केजरीवालः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने मंंगलवार को दिल्ली में पीने की…

21 hours ago

कांग्रेस ने हमेशा अंबेडकर का अपमान किया, मजाक उड़ा और लज्जित किया हैः विजेंद्र

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कांग्रेस…

22 hours ago

झूठ बोलने के माहिर खिलाड़ी हैं केजरीवालः सचदेवा

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे दिल्लीः बीजेपी के दिल्ली प्रदेश  के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार…

22 hours ago

आप सरकार ने दिल्ली को 7000 करोड़ रुपये के घाटे में लाकर खड़ा कियाः बांसुरी

संवाददाताः संतोष कुमार दिल्लीः बीजेपी नेता एवं नई दिल्ली से सांसद बांसुरी मंगलवार को आम आदमी पार्टी पर दिल्लीवासियों से…

23 hours ago

जिस गद्दे पर ट्रेनी डॉक्टर का शव था, उस पर संघर्ष के सबूत नहीं, फोरेंसिक रिपोर्ट से आया कोलकाता रेप-मर्डर केस में ट्विस्ट

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस में सेंट्रल फोरेंसिक…

1 day ago