दिल्लीः सरकार और ब्यूरोक्रेसी में बड़े पैमाने पर अहंकार होता है। यह कहना है केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का। गडकरी ने फिर बेबाक टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकार में बड़े स्तर पर ईगो यानी अहंकार होता है। इन्हें लगता है कि सारी जानकारी मेरे पास पास ही है, इसलिए लोगों से सलाह मशविरा नहीं करते। गडकरी ने कहा कि अच्छे आदमी को निंदा करने वाले व्यक्ति को हमेशा साथ रखना चाहिए। उन्होंने ये बातें दिल्ली में आयोजित एक निजी सलाह ऐप ‘कंसल्ट’ की लॉन्चिंग के मौके पर कही।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकारी प्रोजेक्ट में देर समय पर फैसले नहीं लिए जाने की वजह से होती है। निर्णय क्या करते हैं, यह समस्या नहीं है, समस्या यह है कि निर्णय नहीं करते है। उन्होंने कहा कि संयुक्त सचिव की गलती को सचिव संभालता है और सचिव की गलती को मंत्री, लेकिन मैं पारदर्शी हूं, जिम्मेदारी तय करने में विश्वास करता हूं।
गडकरी ने जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन ना होने का कारण पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “अब जमीन अधिग्रहण के लिए अधिक पैसे दिए जाते हैं। इस वजह से लोग अब यह कहने नहीं आते कि मेरी जमीन मत लो। लोग अब यह कहने आते हैं कि मेरी जमीन भी लो।“
वहीं कॉरीडोर के बारे में उन्होंने कहा हमने यह तय किया है कि ग्रीन कॉरीडोर बनाने के लिए राज्य सरकार के बदले हम खुद प्लांट लगाएं। हमने द्वारका एक्स्प्रेस वे पर 12000 प्लांट लगाने का फैसला किया है। साथ ही हमने ट्री बैंक भी बनाने का फैसला किया है। हमने ग्रीन कॉरीडोर पर चार करोड़ पेड़ लगाए हैं और इसे जी टैग से भी जोड़ रहे हैं। इससे यह पता चलेगा कि पेड़ कितना बढ़ा, उसका रिकार्ड होगा।