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करवा चौथ आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और किस शहर में कब निकलेगा चांद - Prakhar Prahari
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करवा चौथ आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और किस शहर में कब निकलेगा चांद

दिल्लीः आज करवा चौथ है। यह पर्व कार्तिक महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्थी पर पर्व मनाया जाता है। आज के दिन महिलाएं दिनभर बिना कुछ खाए-पिए रहती हैं। यानी महिलाएं आज के दिन निर्जला रहकर पति की लंबी उम्र और घर में सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। ये व्रत शाम को चांद निकलने तक रखा जाएगा। चंद्रमा के दर्शन करके अर्घ्य देने के बाद महिलाएं पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलेंगी। आज शाम को चंद्रमा की पूजा से पहले भगवान गणेश और चौथ माता की भी पूजा होगी।

करवा चौथ पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2021 को शाम 06 बजकर 55 मिनट से 08 बजकर 51 मिनट तक है। वहीं करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय रात 08 बजकर 11 मिनट है। लेकिन अलग-अलग स्थानों पर चांद दिखने का समय अलग-अलग हो सकता है।

प्रमुख शहरों में आज चंद्रोदय का समय

दिल्ली- 08 बजकर 08 मिनट
मुंबई- 08 बजकर 47 मिनट
बेंगलुरु- 08बजकर 39 मिनट
आगरा- 08 बजकर 07 मिनट
मेरठ- 08 बजकर 05 मिनट
लखनऊ- 07 बजकर 56 मिनट
गोरखपुर- 07 बजकर 47 मिनट
मथुरा- 08 बजकर 08 मिनट
बरेली- 07 बजकर 59 मिनट
सहारनपुर- 08 बजकर 03 मिनट
रामपुर- 8 बजे
इटावा- 08 बजकर 05 मिनट
फर्रुखाबाद- 08 बजकर 01 मिनट
जौनपुर- 07 बजकर 52 मिनट
कोलकाता- 07 बजकर 36 मिनट
जयपुर- 08 बजकर 17 मिनट
देहरादून- 8 बजे
पटना- 7 बजकर 42 मिनट

करवा चौथ शुभ मुहूर्त
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारंभ-
रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट
चतुर्थी तिथि समापन – सोमवार सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक ।

करवा चौथ पूजन मुहूर्त –

अमृत मुहूर्त – 10:40 से 12:05 तक कुलदेवता/ कुलदेवी पूजन

शुभ मुहूर्त – 1:29 से 2:54 तक शिव परिवार पूजन
सायं :- शुभ मुहूर्त- 5:43 से 7:18 तक करवा चौथ कथा पूजन

अमृत मुहूर्त- 7:18 से 8:54 तक – इंद्र इंद्राणी, चंद्र पूजन

 

वामन पुराण के कथा के मुताबिक वीरावती सौभाग्य और अच्छी संतति के लिए करवा चौथ का उपवास रखकर चंद्रमा के निकलने का इंतजार करती है। भूख-प्यास से पीड़ित बहन को मूर्च्छित होते देखकर उसके भाई से रहा नहीं जाता और वह मशाल लेकर बरगद पर चढ़ जाता है और पत्तों के बीच से मिथ्या चंद्र दर्शन करा देता है। जिससे वीरावती के पति की मृत्यु हो जाती है। देवी पार्वती द्वारा पुन: व्रत विधि निर्देशित करने के बाद वीरावती को सौभाग्य प्राप्ति होती है और उसके पति के प्राण बच जाते हैं।

Shobha Ojha

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