दिल्लीः कोरोना के खिलाफ चल रहे राष्ट्रव्यापी वैक्सीनेशन को लेकर भारत ने इतिहास रच दिया है। देश में आज सुबह 9.45 बजे कोरोना वैक्सीन के 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पूरा हो गया। आपको बता दें कि इनमें से आखिरी 20 करोड़ डोज महज 31 दिन में लगे हैं।
वैक्सीन के 100 करोड़ डोज पूरे होने का ऐलान करने के लिए सरकार ने खास तैयारियां की हैं। इसके लिए ट्रेन, प्लेन और जहाजों पर लाउडस्पीकर से घोषणा करने की योजना है। साथ ही 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन पूरा कर चुके गांवों से कहा गया है कि उन्हें पोस्टर और बैनर लगाकर हेल्थ वर्कर्स का सम्मान करना चाहिए।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में फ्रंटलाइन वर्कर्स से बात करेंगे। उधर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया 100 करोड़ डोज पूरे होने के जश्न के सिलसिले में आज एक गाना और एक फिल्म भी लॉन्च करेंगे। ये कार्यक्रम दोपहर 12.30 बजे लाल किले पर रखा गया है। बताया जा रहा है कि इस गाने में गाना कैलाश खेर ने आवाज दी है।
बताया जा रहा है कि बीजेपी नेताओं को भी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर जाकर हेल्थ वर्कर्स का सम्मान करने के लिए कहा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा गाजियाबाद, महासचिव अरुण सिंह कोयंबटूर और महासचिव दुष्यंत गौतम लखनऊ जाएंगें।
आपको बता दें कि देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई। देश में शुरुआती 20 करोड़ वैक्सीन डोज 131 दिन में लगे थे। वहीं, अगले 20 करोड़ डोज 52 दिन में दिए गए। 40 से 60 करोड़ डोज देने में 39 दिन लगे। 60 करोड़ से 80 करोड़ डोज देने में सबसे कम, महज 24 दिन लगे थे।
वहीं अब 80 करोड़ से 100 करोड़ होने में 31 दिन लगे हैं। इस तरह से देखे तो वैक्सीनेशन की रफ्तार अब कम हो गई है। यदि इसी रफ्तार से वैक्सीनेशन होता रहा तो देश में 216 करोड़ वैक्सीन डोज लगने में करीब 175 दिन और लगेंगे। यानी, 5 अप्रैल 2022 के आसपास ये आंकड़ा हम पार कर सकते हैं।
भारत ने भले ही 100 करोड़ डोज लगाने का आंकड़ा पार कर लिया है, लेकिन अभी देश की महज 20 प्रतिशत आबादी ही पूरी तरह वैक्सीनेट हुई है, जबकि 29 फीसदी आबादी को वैक्सीन की एक डोज दी जा चुकी है। ऐसे में मास्क फ्री होने के लिए हमें अभी इंतजार करना होगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक जब तक 85 प्रतिशत आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट नहीं हो जाती तब तक ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। जिन देशों में मास्क से छूट दी गई है वहां जनसंख्या घनत्व भारत की तुलना में काफी कम है। ऐसे में हमें अपनी जरूरतों को हिसाब से ही फैसला लेना चाहिए।
यदि आबादी के लिहाज से देखें, तो देश में सबसे कम वैक्सीनेशन उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में हुआ है। इन तीनों राज्यों की केवल 12 फीसदी आबादी पूरी तरह से वैक्सीनेट हुई है। झारखंड की 36 प्रतिशत आबादी ऐसी है जिसे वैक्सीन की एक डोज दी जा चुकी है, तो बिहार की 37 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन की एक डोज दी गई है। वहीं, यूपी की 40 फीसदी आबादी को वैक्सीन की एक डोज दी गई है।
हालांकि, देश में सबसे ज्यादा वैक्सीन डोज भी उत्तर प्रदेश में लगाई गई हैं। फिर भी 23 करोड़ आबादी वाले राज्य के लिहाज से ये काफी कम है। आबादी के हिसाब से वैक्सीन लगाने में महाराष्ट्र को छोड़ दें, तो बड़े राज्य पिछड़ गए हैं। सबसे पीछे यूपी है। यहां देश की 17.4 प्रतिशत आबादी है, जबकि यहां कुल वैक्सीन में से 11.9 फीसदी लगी हैं।
इस तरह से आबादी के हिसाब से वैक्सीनेशन का आकलन करें तो यूपी की स्थिति सबसे खराब नजर आती है। यहां के ज्यादातर जिलों में 15 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को दोनों डोज नहीं लग सकी हैं। सबसे कम वैक्सीनेशन वाले 100 जिलों में 47 यूपी-बिहार के हैं। सबसे अच्छी रफ्तार वाले टॉप-8 जिलों में भी यूपी का नोएडा शामिल है।
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