दिल्लीः कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा के देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को लेकर दिए गए बयान को लेकर बवाल मच गया है। बीजेपी ने कांग्रेस पर सरदार पटेल का अपमान करने का आरोप लगाया है। दरअसल कुर्रा ने सीडब्ल्यूसी (CWC) यानी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान सरदार पटेल को जिन्ना का समर्थक बता दिया।
बीजेपी का आरोप है कांग्रेस कार्यसमिति के आमंत्रित सदस्य तारिक हमीद कर्रा ने सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल को मोहम्मद अली जिन्ना का समर्थक बताया। आपको बता दें कि कर्रा पीडीपी से कांग्रेस में आए हैं।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 16 अक्टूबर को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में देश के लौह पुरुष सरदार पटेल का अपमान किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने इस तरह का बयान चाटुकारिता की पराकाष्ठा है।
बीजेपी प्रवक्ता पात्रा ने कहा, “आज ये बात स्पष्ट हो गई है कि अपने परिवार की विरासत को ऊपर रखने के लिए, नेहरू-गांधी राजवंश को ऊपर रखने के लिए, चाहे सुभाष चंद्र बोस हों, वीर सावरकर हों, सरदार पटेल हों या कोई और हो, किसी को भी अपमानित करना हो, किसी के भी नाम पर भ्रम फैलाना हो, कांग्रेस पार्टी ये सब कर सकती है।“
संबित पात्रा ने कहा, “आज अखबारों में छपा है कि दो दिन पहले हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में कश्मीर को लेकर कुछ सवाल उठे थे। बैठक में कश्मीर को लेकर भ्रम का माहौल बनाया गया। ये भी कहा गया कि जवाहरलाल नेहरू जी ने जम्मू-कश्मीर को हिंदुस्तान में इंटीग्रेट किया।“ उन्होंने कहा कि इस दौरान यह भी कहा गया कि इस पूरे प्रयोजन में सरदार पटेल जिन्ना से मिले हुए थे। जिन्ना के साथ मिलकर पटेल कश्मीर को हिंदुस्तान से अलग रखने की कोशिश कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गांधी परिवार की तारीफ करते हुए कर्रा ने जवाहरलाल नेहरू की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग आज यदि भारत में हैं तो इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ पंडित नेहरू को जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरदार पटेल मोहम्मद अली जिन्ना के खेमे में थे और जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान के हाथों सौंपने को तैयार थे।
इस बीच, कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर कुर्रा को बात रखने की सलाह दी है। कर्रा को यह भी बताया गया कि सरदार पटेल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। भारत के एकीकरण में उनका अतुलनीय योगदान रहा है।