दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मानवाधिकार के मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने एनएचआरसी (NHRC) यानी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हाल की घटनाओं का उल्लेख किया है और विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि इससे जुड़ा एक और पक्ष है, जिसकी चर्चा मैं आज करना चाहता हूं। हाल के वर्षों में मानवाधिकार की व्याख्या कुछ लोग अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने हितों को देखकर करने लगे हैं।

पीएम मोदी ने कहा, “एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता। इस प्रकार की मानसिकता भी मानवाधिकार को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है। इस तरह का सिलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है।“

उन्होंने कहा कि कुछ लोग मानवाधिकारों के नाम पर देश की छवि को नुकसान पहुंचने की कोशिश करते हैं, इससे हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई और हमारा इतिहास मानवाधिकारों के मूल्यों के लिए प्रेरणा के बड़े स्त्रोत हैं।

आपको बता दें कि मोदी का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 4 किसानों के मारे जाने की घटना को विपक्ष ने मुद्दा बना रखा है। इस हिंसा का मुख्य आरोपी एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का बेटा आशीष मिश्र है और मौजूदा समय में पुलिस हिरासत में है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार आशीष को बचाने की कोशिश कर रही है।

मोदी ने अपने संबोधन में गरीबों, दिव्यांगों और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की बात भी की और कहा कि भारत ने इसी कोरोना काल में गरीबों, असहायों, बुजुर्गों को सीधे उनके खाते में आर्थिक सहायता दी है। प्रवासी श्रमिकों के लिए वन नेशन वन राशन कार्ड की सुविधा भी शुरू की गई है, ताकि वो देश में कहीं भी जाएं, उन्हें राशन के लिए भटकना न पड़े।

पीएम ने पैरालिंपिक का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे दिव्यांग भाई-बहनों की क्या शक्ति है,ये हमने हाल के पैरालिंपिक में फिर अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में दिव्यांगों को सशक्त करने के लिए भी कानून बनाए गए हैं, उनको नई सुविधाओं से जोड़ा गया है।

महिलाओं को दी जा रही है सरकारी सुविधाओं को जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि आज महिलाओं के लिए काम के अनेक सेक्टर्स को खोला गया है, वे 24 घंटे सुरक्षा के साथ काम कर सकें, इसे सुनिश्चित किया जा रहा है। दुनिया के बड़े-बड़े देश ऐसा नहीं कर पा रहे, लेकिन भारत आज करियर वूमन को 26 हफ्ते की पेड मैटरनिटी लीव दे रहा है।

पीएम ने अपने संबोधन के दौरान तीन तलाक के खिलाफ कानून का उल्लेख करते हुए कहा कि बीते वर्षों में देश ने अलग-अलग वर्गों में, अलग-अलग स्तर पर हो रहे इंजस्टिस को भी दूर करने का प्रयास किया है। दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग कर रही थीं। हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया है।

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