दिल्लीः सोच ऐसी चीज है, जो आपकी जिंदगी को तबाह कर देती है। तो चलिए आज हम बात करते हैं मेंटल हेल्थ की। वैसे हर व्यक्ति सोचने के लिए स्वतंत्र है और यह हर व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किस बात को कितना ज्यादा महत्व देता है तथा उसके बारे में कितना सोचता। ज्यादातर लोग किसी की कही बातों या अन्य किसी बेवजह की बात को दिल से लगा बैठते हैं और उसके बारे कई-कई दिनों तक सोचते रहते हैं, जबकि कुछ लोग होते हैं जो छोटी-छोटी बातों को अपने जीवन में महत्व नहीं देते, भले ही वह किसी रिश्ते से जुड़ी हो या फिर उनके काम से। उनके हिसाब से मामूली बातों को वहीं खत्म कर देने में ही भलाई है।
मेरी राय में दूसरी तरह के लोग ठीक है, क्योंकि जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत तनाव दे सकती है। यदि आप भी उन लोगों में से हैं, जिन्हें हर छोटी बात को बहुत ज्यादा सोचने की आदत है, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिनसे आप खुद को ज्यादा सोचने से रोक सकेंगे।
यह एक तरह की बीमारी और इस बीमारी समाधान की तलाश करने के लिए आपको अपने मास्तिष्क को समझाना बेहद जरूरी है। एक ही बारे में अधिक सोचना और बस सोचते ही रहना आपके दिमाग को पागल तक कर सकता है। जब आप उन चीजों या बातों के बारे में सोचते रहते हैं, जो आपके नियंत्रण में नहीं है, तो आप खुद से पूछें कि क्या यह सही है। यदि आप इसके बारे में कुछ कर सकते हैं, तो आपका सोचना सही है और नहीं, तो अपने समय और स्वास्थ्य को खराब करने से कोई मतलब नहीं है।
हम आपको सलाह देंगे कि उन विचारों और बातों को सोचते रहने के बजाय , जिनसे कोई लाभ नहीं होता, ऐसे चीजों में ध्यान लगाएं, जो आपके लिए फायदेमंद है। अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं या कोई ऐसा काम करें, जिसमें आपको दिलचस्पी हो। यह निश्चित रूप से आपका ध्यान भटका देगा और आप उन फिजूल की बातों को बार-बार सोचने से बच जाएंगे।
इससे निजात पाने के लिए आपको कुछ स्थितियों में केवल गहरी सांस लेने या ध्यान करने से ही बहुत फायदा होता है। अधिक सोचने और मन को परेशान करने के बजाय गहरी सांस लें। इससे आपका मन शांत होगा और शरीर को भी आराम मिलेगा। यकीन मानिए इसके बाद आप खुद अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए तैयार हो जाएंगे।
यह बात पूरी तरह से सच है कि कुछ समस्याएं चाहें वह कितनी भी छोटी क्यों ना हो, परेशान करने वाली होती हैं। हालांकि जब भी आपको ऐसा लगे तो आप एक बड़ी तस्वीर को कुछ देर तक देखते रहें। अगर छोटी-छोटी बातें आपके दिमाग से निकल नहीं रहीं, तो ऐसा करने से आपको महसूस होगा कि ये बातें आपके लिए कोई मायने ही नहीं रखतीं। ध्यान रखें, ज्यादा सोचने से काम करने की आपकी क्षमता खत्म हो जाएगी।
किसी समस्या के बारे में सोचना तब तक सही नहीं है, जब तक की आपके पास उस समस्या का समाधान न हो। इसलिए अपने खाली समय में समस्या का समाधान तलाशने की क्षमता विकसित करें। उन तरीकों के बारे में सोचें, जिनसे आप कुछ स्थितियों को पैदा होने से रोक सकते हैं। यदि आप पहले से ही किसी समस्या में फंसे हुए हैं, तो उन तरीकों के बारे में सोचें, जिनसे आप इसे दूर कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि यह आपके हाथ में नहीं है, तो जबरदस्ती का तनाव और मानसिक दबाव लेना फिजूल है।
ज्यादा सोचने वाले लोग खुद को कमजोर समझने के साथ खुद को दोषी भी मानते हैं। । ऐसा होने से रोकने के लिए अपनी उपलब्धियों और सफलता की हमेशा सराहना करें। खुद से प्यार करें और आपके द्वारा की गई
इस बीमारी से निजात पाने के लिए आप अपनी भावनाओं को बाहर निकाल दें। इससे आप अधिक सोचने से बच सकते हैं। अपनी भावनाओं को दूसरों के साथ शेयर करें और अपनी सभी परेशानियों को अपने करीबी लोगों के साथ बातचीत करके सुलझाएं। इससे आपके दिल को थोड़ा हल्का महसूस होगा और आपकी समस्या का समाधान भी आसानी से मिल जाएगा।
आपकी समस्या का समाधान खुद आप होते हैं। इसलिए किस बात पर कितना विचार करना है और कितने समय तक विचार करना है। कौन सी बात विचार करने योग्य है। ये सब आप ही को तय करना पड़ेगा।
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