लद्दाखः पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बीच भारत ने विस्तारवादी चीन को करारा जवाब देने के लिए कमर कस ली है। भारत ने पहली बार लद्दाख से सटी सीमा पर शनिवार को K9-वज्र तोपें तैनात कर दी। आपको बता दें कि ये सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर तोप 50 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य पर निशाना साधने में सक्षम है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी (LAC) वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ एक साल से ज्यादा समय से गतिरोध बना हुआ है। इसी के मद्देनजर के चलते K9-वज्र तोपों को सीमा पर तैनात किया गया है।

K-9 वज्र का इस्तेमाल ऊंचाई वाले इलाकों में भी किया जा सकता है। इसका सफल परीक्षण भी हो चुका है और इसे सेना की सभी रेजीमेंट में शामिल किया जाएगा, जिससे सेना की ताकत बढ़ेगी।

इस बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भी शनिवार को चीन और पाकिस्तान को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमने चीन से निपटने के लिए लद्दाख से सटे बॉर्डर इलाकों पर इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवपमेंट तेज कर दिया है।

भारत ने चीन से सटी सीमा पर संभावित खतरे के मद्देनजर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। उधर, चीन ने पूर्वी लद्दाख और उत्तरी कमांड के अलावा पूर्वी कमांड पर भी बड़ी संख्या में सैनिक तैनात किए हैं। भारत और चीन के बीच अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में 13वें राउंड की सैन्य स्तरीय बातचीत हो सकती है। उम्मीद है, हम बातचीत के जरिए विवादों को सुलझा लेंगे।

 

वहीं सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को लेकर कहा कि उनकी आर्मी के साथ हमारी हर सप्ताह डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) लेवल की बैठक होती है। इसमें हम स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि पाकिस्तान को किसी तरह की आतंकी गतिविधि को सपोर्ट नहीं करना चाहिए।

आपको बता दें कि पाकिस्तान की सेना ने फरवरी से जून 2021 के अंत तक एक बार भी संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं किया, लेकिन पिछले कुछ समय से घुसपैठ की कोशिशें बढ़ी हैं। पिछले 10 दिनों में सीजफायर उल्लंघन के दो मामले सामने आए हैं।

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