चंडीगढ़ः नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर अब भी सस्पेंस बरकरार है। पंजाब कांग्रेस जारी कहल के बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच बैठक हुई। यह बैठक दो घंटे तक चली, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। हां इस बैठक में इतना जरूर फैसला हुआ कि  अब बड़े फैसले लेने के लिए तालमेल समिति बनाई जाएगी। यह समिति कांग्रेस आलाकमान द्वारा गठित की जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस समिति में नवजोत सिंह सिद्धू, सीएम  चन्नी और पार्टी ऑब्जर्वर हरीश चौधरी सदस्य हो सकते हैं। इस समिति की हर सप्ताह एक बैठक होगी, जिसमें सरकार के बड़े फैसलों को लेकर चर्चा होगी। इस तरह से पार्टी संगठन और सरकार में टकराव को रोका जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में सबसे बड़ा पेंच डीजीपी (DGP) यानी पुलिस महानिदेशक  इकबालप्रीत सहोता को हटाने को लेकर रहा। सिद्धू इसकी मांग पर अड़े रहे, लेकिन सीएम चन्नी ने इससे इनकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक बेअदबी मामले में क्लीन चिट को लेकर तर्क दिया गया कि सहोता की जांच पूरी होने से पहले ही मामले को सीबीआई (CBI) केंद्रीय जांच ब्यूरो को ट्रांसफर कर दिया गया था। ऐसे में उन्होंने किसी को क्लीन चिट देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। इसके बाद तय हुआ कि सहोता अभी कार्यकारी डीजीपी हैं और पंजाब सरकार यूपीएससी (UPSC) संघ लोक सेवा आयोग को पैनल भेजेगी, वहां से जो भी फैसला होगा, उसे मान लिया जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल को हटाने को लेकर सहमति बनती दिखाई थी, लेकिन अंतिम फैसला नहीं हुआ। अब यह फैसला लेने का अधिकार कांग्रेस आलाकमान को दिया जाएगा। वहीं विवादित मंत्री के बारे में भी आलाकमान ही फैसला लेगा।

उधर, सीएम चन्नी ने चार अक्टूबर को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। हालांकि इसका एजेंडा नहीं बताया गया है। उम्मीद की जा रही है कि पार्टी आलाकमान के 18 सूत्रीय फॉर्मूले को लेकर सिद्धू ने जो मुद्दा उठाया है, उसी के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि सीएम चन्नी ने पहले हर मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग की बात कही थी, लेकिन अब यह मीटिंग सोमवार को बुला ली गई है।

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