दिल्लीः पंजाब कांग्रेस में मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा करवाने के बाद अब नवजोत सिंह सिद्धू ने आज अचानक पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि वे पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकते हैं। सिद्धू ने लिखा है कि समझौता करने से इंसान का चरित्र खत्म होता है। मैं कांग्रेस के लिए काम करता रहूंगा। आपको बता दें कि 18 जुलाई 2021 को ही पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था।

हालांकि नवजोत सिद्धू ने अपने इस्तीफे की वजह नहीं बताई है, लेकिन माना जा रहा है कि वे मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे थे। इसके बाद मंत्री पद और मंत्रालयों के बंटवारे में भी सिद्धू की नहीं चली। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को हुए मंत्रालयों के बंटवारे में सिद्धू के विरोध के बावजूद सुखजिंदर रंधावा को गृह विभाग दे दिया गया। इसी वजह से सिद्धू ने आज दोपहर में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

उधर, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू  पर एक बार फिर निशाना साधा है। उन्होंने सिद्धू के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मैंने पहले ही कहा था कि सिद्धू स्थिर आदमी नहीं है। वह पंजाब जैसे बॉर्डर स्टेट के लिए फिट नहीं है।

वहीं सिद्धू के इस्तीफे के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें नवजोत सिद्धू पर पूरा भरोसा है। यदि मुझसे या किसी और से नाराजगी है, तो उसे मिलकर सेटल कर लिया जाएगा।

नवजोत सिंह सिद्धू के मीडिया सलाहकार सुरिंदर डल्ला ने कहा कि नवजोत सिद्धू सैद्धांतिक राजनीति कर रहे हैं। नई सरकार ने कांग्रेस हाईकमान के नए 18 सूत्रीय फार्मूले पर कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि पिछले 5 दिनों में नई सरकार में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला।

आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में प्रदेश कांग्रेस में हुई बगावत के कारण ही कैप्टन अमरिंदर सिंह को 18 सितंबर को को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद 20 सितंबर को चरणजीत सिंह चन्नी राज्य के नए मुख्यमंत्री बने थे। बताया जा रहा है कि चन्नी मंत्रिमंडल में अपनी राय को तरजीह न मिलने से नवजोत सिंह सिद्धू नाराज चल रहे थे।

बताया जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू चन्नी सरकार में शामिल चार चेहरों का विरोध कर रहे थे। इसके पीछे उनका तर्क था कि इन चारों पर पहले ही दाग लगे हुए हैं, इसलिए उन्हें शामिल नहीं किया जाए। इसके बावजूद इन लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। इसके बाद सिद्धू ने पंजाब का नया एडवोकेट जनरल बनाने के लिए एडवोकेट डीएस पटवालिया के नाम की सिफारिश की, लेकि उनकी सिफारिश को दरकिनार करके एपीएस देयोल को पंजाब का नया एजी बना दिया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू राज्य के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा को गृह विभाग देने के पक्ष में नहीं थे। सिद्धू चाहते थे कि यह पद मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी अपने पास रखें, लेकिन सिद्धू की इस इच्छा को भी दरकिनार कर दिया गया और गृहमंत्राय रंधवा को दे दिया गया।

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