दिल्लीः आखिरकार कन्हैया कुमार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। कन्हैया को मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में गुजरात के दलित कार्यकर्ता और विधायक जिग्नेश मेवानी को भी कांग्रेस में शामिल होना था, लेकिन तकनीकी वजहों से वे पार्टी की सदस्यता नहीं ले पाए। मेवानी ने कहा कि वह वैचारिक रूप से पार्टी से जुड़ गए हैं। इस  कार्यक्रम में गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी मौजूद रहे।

नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे से उत्पन्न हालात की वजह से इस कार्यक्रम को तीन बार आगे बढ़ाया गया। इन दोनों नेताओं को पार्टी में शामिल करने को लेकर कि पार्टी मुख्यालय में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय तीन बार बदला गया। पहले दोपहर 3.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात कही गई थी, लेकिन सिद्धू के इस्तीफे के बाद इसका समय बदलकर शाम 4.30 बजे कर दिया गया। इसके बाद पार्टी ने कॉन्फ्रेंस के समय में एक बार फिर बदलाव किया। आखिरकार शाम 5.20 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो पाई, लेकिन इसके बावजूद पार्टी के नेता राहुल मौजूद नहीं रहे।

कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल करवाने के बाद सुरजेवाला ने कहा कि आज हम सब के लिए विशेष दिन है। इस मंच पर दो नौजवान बैठे हैं, जो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। इन्होंने लगातार मोदी सरकार और हिटलरशाही जो इस देश में चल रही है, से अपने तरीके से व्यापक संघर्ष किया है। ये आवाज और मजबूत होगी, जब ये आवाज राहुल गांधी की आवाज से मिलकर एक और एक 11 हो जाएगी।

कन्हैया कुमार ने कांग्रेस में शामिल होने की वजह बताई और मैं कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं, क्योंकि यह सिर्फ एक पार्टी नहीं है, एक विचार है। यह देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी है। मैं ‘लोकतांत्रिक’ पर जोर दे रहा हूं… सिर्फ मैं ही नहीं कई लोग सोचते हैं कि देश कांग्रेस के बिना नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस में इसलिए शामिल हो रहा हूं, क्योंकि मुझे ये महसूस होता है कि देश में कुछ लोग सिर्फ लोग नहीं हैं, वे एक सोच हैं। वे देश की सत्ता पर न सिर्फ काबिज हुए हैं, देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, मूल्य, इतिहास, वर्तमान, भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। कन्हैया कुमार ने कहा कि कांग्रेस एक बड़े जहाज की तरह है, अगर इसे बचाया जाता है, तो मेरा मानना है कि कई लोगों की आकांक्षाएं, महात्मा गांधी की एकता, भगत सिंह की हिम्मत और बीआर अंबेडकर के समानता के विचार की भी रक्षा की जाएगी। इसलिए शामिल हुआ हूं।

कन्हैया कुमार ने कहा कि देश के लाखों-करोड़ों नौजवानों को ये लगने लगा है कि अगर कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा। हम कांग्रेस पार्टी में इसलिए शामिल हुए हैं, क्योंकि कांग्रेस गांधी की विरासत को लेकर आगे चलेगी।

वहीं जिग्नेश ने कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर कहा कि मैं तकनीकी कारणों से औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल नहीं हो सका। मैं एक निर्दलीय विधायक हूं, अगर मैं किसी पार्टी में शामिल होता हूं, तो मैं विधायक के रूप में नहीं रह सकता। मैं वैचारिक रूप से कांग्रेस का हिस्सा हूं, आगामी गुजरात चुनाव कांग्रेस के चुनाव चिह्न से लड़ूंगा।

उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कन्हैया कुमार को कांग्रेस में शामिल किये जाने को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के कांग्रेस जॉइन करने की खबरें हैं। ऐसे में शायद 1973 में लिखी गई किताब ‘कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस’ को फिर से पढ़ा जाना चाहिए। चीजें जितनी बदलती हैं, उतनी ही समान रहती हैं। मैंने आज इसे फिर पढ़ा है।

आपको बात दें कि कन्हैया कुमार 2016 में जेएनयू (JNU मे) यानी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित देश विरोधी नारेबाजी से पहली बार चर्चा में आए थे। उनका एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे आजादी-आजादी के नारे लगा रहे थे। इस विवाद के वक्त कन्हैया कुमार जेएनयू में छात्रसंघ अध्यक्ष थे। कन्हैया 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले वे सीपीआई में शामिल हो गए थे और बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन बीजेपी के गिरिराज सिंह से हार गए।

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