लखनऊः यूपी की सियासत गलियारे से जुड़ी बड़ी खबर है। बताया जा रहा है कि आज योगी सरकार की कैबिनेट का विस्तार होगा। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जितिन प्रसाद को योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। उन्हें दिल्ली से लखनऊ बुलाया गया है। मंत्रिमंडल विस्तार में छह से सात नए मंत्री शपथ लेने की उम्मीद है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल गुजरात से लखनऊ पहुंच गई हैं। दोपहर दो बजे हाई लेवल बैठक बुलाई गई है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। विधानसभा चुनाव में 6 महीने से भी कम समय शेष है। ऐसे में बीजेपी क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने के प्रयास में जुटी हुई है। पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन के कारण जाट नाराज हैं। इस बीच कुछ मंत्रियों को लखनऊ स्थिति पार्टी के दफ्तर में बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि परफार्मेंस के आधार पर कुछ मंत्रियों से इस्तीफा लिया जा सकता है।
योगी मंत्रिमंडल में कौन-कौन हो सकता है शामिलः-
जितिन प्रसाद (ब्राह्मण) –जतिन प्रसाद को फोन करके दिल्ली से लखनऊ बुलाया गया है। इनका मंत्री बनना तय माना जा रहा है।
संजय गौड़ (एससी) – संजय गौड़ अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हैं। इन्हें एमएलसी बनाया जाने की चर्चा है।
छत्रपाल गंगवार (कुर्मी) – छत्रपाल गंगवार कुर्मी समाज से आते हैं और बरेली से विधायक हैं।
धर्मवीर प्रजापति (ओबीसी)- धर्मवीर प्रजापति माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष हैं।
पलटू राम (दलित)- पलटू राम बलरामपुर से विधायक हैं और इन्हें मंत्री बनाए जाने की चर्चा काफी समय से चल रही है।
दिनेश खटिक (एससी)- खटिक समाज से आने वाले दिनेश खटिक मेरठ से विधायक हैं।
अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मंत्रिमंडल विस्तार में पिछड़े और दलित पर जोर रहेगा। यहीं वजह है कि बीजेपी ने सिर्फ जितिन प्रसाद को छोड़कर पिछड़ा वर्ग पर बड़ा दांव चलने की रणनीति बनाई है।
विधानसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी की पहली प्राथमिकता जातीय समीकरणों को साधने की है। जानकारों का मानना है कि 2017 में पार्टी की ऐतिहासिक जीत की वजह यूपी का जातीय समीकरण थी। 2017 में बीजेपी को सभी जातियों का साथ मिला था और पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 325 सीटों पर कब्जा किया था।
आपको बता दें कि यूपी में ओबीसी (OBC) की आबादी करीब 40 प्रतिशत है, जबकि दलित वर्ग कुल आबादी का करीब 21 फीसदी है। इस लिहाज से ये भी सियासत में काफी मायने रखते हैं। राज्य में अगली जातियों की कुल आबादी 20 प्रतिशत है। इनमें सबसे ज्यादा 11 प्रतिशत ब्राह्मण, ठाकुर 6 फीसदी और कायस्थ और वैश्य मिलाकर 3 प्रतिशत हैं।
राज्य में 19 मार्च 2017 को योगी सरकार का गठन हुआ था। इसके बाद 22 अगस्त 2019 को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। राज्य में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मौजूदा मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं, यानी कुल 54 मंत्री हैं। इस हिसाब से 6 मंत्री पद अभी खाली हैं। ऐसे में योगी सरकार अगर अपने कैबिनेट से किसी भी मंत्री को नहीं हटाती है तो भी 6 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं।
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