न्यूयॉर्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यूएनजीए (UNGA) यानी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करेंगे। इस दौरान मोदी आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, वैक्सीन के लिए न्यायसंगत और सस्ती पहुंच, इंडो-पैसिफिक और संयुक्त राष्ट्र में सुधार जैसे वैश्विक मुद्दे उठा सकते हैं।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान की पुनः वापसी, चीन की विस्तारवादी नीतियों और एशिया में बढ़ते आतंकवाद के खतरे के मद्देनजर यूएनजीए का यह सत्र महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन महासभा के इसी सत्र में कह चुके हैं कि अमेरिका चीन के साथ नया शीत युद्ध नहीं चाहता है।
यूएनजीए क्या है?
यूएनजीए संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र के के सभी 193 सदस्य बराबर अधिकारों और जिम्मेदारी के साथ इसका हिस्सा हैं। संयुक्त राष्ट्र के बजट, सिक्योरिटी काउंसिल की सदस्यता, अस्थायी सदस्यों की नियुक्ति जैसे सभी काम जनरल असेंबली के जिम्मे हैं।
यूएनजीए का काम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर चर्चा करना है। इनमें विकास, मानवाधिकार, अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों के बीच शांतिपूर्ण तरीके से विवादों का निपटारा करना शामिल है। न्यूयॉर्क स्थिति संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हर साल इसकी बैठक होती है। इसकी पहली बैठक 10 जनवरी 1946 को हुई थी।
कौन-कौन से देश हैं सदस्य?
मौजूदा समय में यूएनजीए के 193 देश सदस्य हैं आपको बता दें कि जनरल असेंबली चाहे तो किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन या संस्था को भी ऑब्जर्वर का दर्जा दे सकती है। इस समय फिलिस्तीन और हॉली-सी को ऑब्जर्वर स्टेट्स का दर्जा मिला हुआ है। ऑब्जर्वर स्टेट्स को भी सीमित अधिकार दिए जाते हैं।
कितने दिन चलेगी बैठक?
आम तौर पर यूएनजीए की बैठक पांच दिनों तक चलती है, लेकिन इस बार यह बैठक छह दिनों तक चलेगी। यूएनजीए का मौजूदा सत्र 21 सितंबर को शुरू हुआ है। 21 से 25 सितंबर के अलावा 27 सितंबर को भी अलग-अलग देशों के नेता इसे संबोधित करेंगे। 21 सितंबर को हर बार की तरह सबसे पहले ब्राजील के राष्ट्रध्यक्ष के संबोधन से इसकी शुरुआत हुई। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने जनरल असेंबली को संबोधित किया। आज भारत के साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी जनरल असंबेली को संबोधित करेंगे। आपको बता दें कि मोदी जहां न्यूयॉर्क में हैं, वहीं इमरान का रिकॉर्डेड भाषण सुनाया जाएगा।
किन मुद्दों को उठा सकता है भारत?
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि भारत आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, वैक्सीन के लिए न्यायसंगत और सस्ती पहुंच, इंडो-पैसिफिक और संयुक्त राष्ट्र में सुधार जैसे वैश्विक मुद्दों पर जनरल असेंबली में आवाज उठा सकता है।
आपको बता दें कि भारत के एजेंडे में वैक्सीन के लिए सस्ती और न्यायसंगत पहुंच का मुद्दा है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी वैक्सीनेशन में पिछड़ रहे देश भी वैक्सीन की पहुंच और उपलब्धता का मुद्दा उठा सकते हैं। डब्ल्यूएचओ (WHO) भी देशों से अपील कर चुका है कि वे वैक्सीन की समान उपलब्धता के मुद्दे को उठाएं।
कितनी देर का होगा मोदी का संबोधन?
यूएनजीए में संबोधन के लिए हर नेता को 15 मिनट अलॉट होते हैं। सभी देशों के प्रतिनिधि को समय सीमा का खास ध्यान रखना होता है, लेकिन कई नेता इस पर ध्यान नहीं देते हैं। जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने मंगलवार को 30 मिनट का भाषण दिया। वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने साल 2016 में 47 मिनट, 2015 में 43 मिनट और 2014 में 39 मिनट तक संबोधित किया था।
यूएनजीए में सबसे लंबी स्पीच देने का रिकॉर्ड क्यूबा के पूर्व शासक फिदेल कास्त्रो के नाम है। उन्होंने 1960 में 269 मिनट यानी करीब साढ़े चार घंटे भाषण दिया था। वहीं गिनी के राष्ट्रपति सेकु टुरे ने 1960 में ही 144 मिनट, सोवियत संघ के निकिता कुरुशेव ने 140 मिनट, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डॉक्टर सुकर्णो ने 121 मिनट और 2009 में लीबिया के तानाशाह मुअम्मर अल गद्दाफी ने 96 मिनट का भाषण दिया था।
कौन ऑफलाइन, कौन रहेगा ऑनलाइन?
आपको बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पिछले साल कोरोना यूएनजीसी का आयोजन ऑनलाइन किया गया था, लेकिन इस बार इसे हाइब्रिड मोड में किया जा रहा है। यानी कुछ सदस्य ऑनलाइन शामिल हो रहे हैं और कुछ ऑफलाइन। इस बार असेंबली में 100 से ज्यादा वर्ल्ड लीडर्स हिस्सा ले रहे हैं।
ऑनलाइनः अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के अलावा, यूके के पीएम बोरिस जॉनसन, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो ऑफलाइन शामिल होंगे। इनके अलावा करीब 100 देशों के नेता और प्रतिनिधि ऑनलाइन शामिल हो सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ऑनलाइन शामिल होंगे।
ऑफलाइनः पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान समेत करीब 60 लीडर्स रिकॉर्डेड स्टेटमेंट के जरिए असेंबली को संबोधित करेंगे।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान संयुक्त राष्ट्र का सदस्य देश है, लेकिन अब वहां पर मौजूदा समय में तालीबान का कब्जा है। इस वजह से वहां का कोई भी नेता यूएनजीसी में शामिल नहीं होगा। दरअसल, तालिबान ने अभी तक संयुक्त राष्ट्र के पास अपने दूत की मान्यता के लिए कोई मांग नहीं की है। इस वजह से तालिबान का कोई भी नेता या प्रतिनिधि यूएनजीसी में शामिल नहीं होगा।
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