वाशिंगटनः भारत ने क्वॉड (QUAD) की बैठक के दौरान अफगानिस्तान में पाकिस्तान के दखल देने और आतंकवाद मुद्दा उठाया, जिसका अमेरिका ने समर्थन किया। क्वॉड के सदस्य देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्षों की शुक्रवार को व्हाइट हाउस में पहली इन-पर्सन बैठक हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने क्वॉड की पहली इन-पर्सन बैठक बुलाने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिजेन का शुक्रिया अदा किया और कहा कि हमारा वैक्सीन इनिशिएटिव इंडो-पैसिफिक देशों की बड़ी मदद करेगा।
विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला के मुताबिक भारत ने क्वॉड की बैठक में पाकिस्तान की अफगानिस्तान में भूमिका और आतंकवाद में शामिल होने का मुद्दा उठाया। इस दौरान भारत और अमेरिका ने अफगानिस्तान में आतंकवाद से निपटने को लेकर सहमति जताई।
उन्होंने बताया कि द्विपक्षीय चर्चाओं और क्वॉड शिखर सम्मेलन में, स्पष्ट भावना थी कि अफगानिस्तान और आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका को ज्यादा सतर्कता से देखा जाना चाहिए। पड़ोसी इलाकों में खुद को सहयोगी बताने वाला पाकिस्तान असल में समस्याओं की वजह खुद ही है। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे कभी-कभी अनदेखा कर दिया जाता है।
भारत ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि मिुझे विश्वास है कि क्वॉड एक ‘फोर्स फॉर ग्लोबल गुड’ की तरह काम करेगा। क्वॉड में हमारा सहयोग हिंद-प्रशांत के साथ-साथ पूरी दुनिया में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा कि क्वॉड वैक्सीन पहल से इंडो-पैसिफिक देशों को मदद मिलेगी। क्वॉड ने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया। यह आपूर्ति श्रृंखला, वैश्विक सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और कोरोना महामारी जैसे कई मुद्दों पर पर मिलकर काम कर रहा है।
क्वॉड के चारों सदस्य देश भारत-प्रशांत क्षेत्र की मदद के लिए 2004 की सुनामी के बाद पहली बार मिले हैं। आज, जब दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है, हम एक बार फिर मानवता के कल्याण के लिए साथ आए हैं।
अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिका राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मॉरिसन, मोदी और सुगा का व्हाइट हाउस में हो रही पहली इन-पर्सन क्वॉड बैठक में स्वागत करता हूं। यह लोकतांत्रिक देशों का समूह है, जिनके हित एक हैं। चारों देश इस समय एक जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हम एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विश्वास करते हैं।
उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के इनिशिएटिव को लेकर हमारा प्लान ट्रैक पर है। हम भारत में 1 बिलियन डोज का जल्द उत्पादन करेंगे ताकि ग्लोबल सप्लाई बेहतर हो सके। 6 महीने पहले हमने फ्री इंडो-पैसिफिक के एजेंडे पर काम करना शुरू किया था। उन्होंने कहा कि आज यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम इस रास्ते पर काफी आगे बढ़ गए हैं। बाइडेन ने नई क्वॉड फैलोशिप का ऐलान किया। यह भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के छात्रों को मिलेगी।
ऑस्ट्रेलिया ने क्या कहा?
ऑस्ट्रेलिया के पीएम मॉरिसन ने कहा कि क्वॉड ग्रुप ने साबित किया है कि लोकतंत्र देश मिलकर कितनी अच्छी तरह से काम कर सकते हैं। दुनिया का कोई भी हिस्सा इस समय इंडो-पैसिफिक से ज्यादा गतिशील नहीं है।
जापान ने क्या कहा?
जापान के प्रधानमंत्री सुगा ने कहा कि पहली बार चारों देश इन-पर्सन क्वॉड लीडर्स समिट के लिए आए हैं। यह समिट हमारे साझा संबंधों और एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन को शुक्रिया कहते हुए कहा कि कि अमेरिका ने जापानी खाद्य उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे अप्रैल में अनुरोध करने के बाद हटा दिया गया। यह एक बहुत बड़ा कदम है, जो आपने उठाया, इसके लिए धन्यवाद।
क्या है क्वॉड की चिंता ?
क्वॉड की प्रमुख चिंता चीन की नीतियां है। भारत ही नहीं, बल्कि क्वॉड के अन्य तीनों देश अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी चीन की नीतियों को लेकर चिंतित हैं। यही वजह है कि हिंद-प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) क्षेत्र में चीन को कंट्रोल करने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने पिछले हफ्ते सुरक्षा समझौता (AUKUS) किया है। हालांकि, इसमें भारत और जापान शामिल नहीं हैं। फिर भी यह समझौता भारत और जापान के लिहाज से भी काफी अहम है।
QUAD क्या है?
क्वॉड (QUAD) यानी क्वॉड्रिलैटरल सिक्योरिटी डॉयलॉग चार देशों का एक समूह है। इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान शामिल हैं। इन चारों देशों के बीच 2004 में आई सुनामी के बाद समुद्री सहयोग शुरू हुआ था।क्वॉड का आइडिया 2007 में जापान के उस वक्त के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने दिया था। हालांकि, चीन के दबाव में ऑस्ट्रेलिया पहले ग्रुप से बाहर रहा।
शिंजो आबे ने दिसंबर 2012 में फिर से एशिया के डेमोक्रेटिक सिक्योरिटी डायमंड का कॉन्सेप्ट रखा, जिसमें चारों देशों को शामिल कर हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर के देशों से लगे समुद्र में फ्री ट्रेड को बढ़ावा देना था। आखिरकार नवंबर 2017 में चारों देशों का क्वॉड ग्रुप बना। इसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक के समुद्री रास्तों पर किसी भी देश, खासकर चीन, के दबदबे को खत्म करना है।
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