संवाददाताः कपिल भारद्वाज

चंडीगढ़: हरियाणा कैबिनेट की बुधवार को यहां अहम बैठक हुई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में बागवानी किसानों के लिए प्रतिकूल मौसम और प्राकृतिक आपदाओं के कारण बागवानी फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (एमबीबीवाई) नामक एक आश्वासन-आधारित योजना को मंत्रिमंडल ने स्वीकृति प्रदान की।

आपको बता दें कि बागवानी किसानों को विभिन्न कारकों के कारण भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है जिनमें फसलों में अचानक बीमारी फैलने, कीटों के संक्त्रमण जैसे जैविक कारक और बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखा, पाला, अत्यधिक तापमान जैसे अजैविक कारक शामिल हैं। विभाग ने बागवानी फसलों को कवर करने वाली विभिन्न फसल बीमा योजनाओं की जांच की और पाया कि प्राकृतिक आपदाओं और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण फसल नुकसान को कवर करने के लिए एक नई योजना की आवश्यकता है।

इस योजना को बागवानी फसल आश्वासन योजना के रूप में तैयार किया गया है और इसका नाम एमबीबीवाई रखा गया है, जिसका उद्देश्य किसानों को उच्च जोखिम वाली बागवानी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत ओलावृष्टि, पाला, वर्षा, बाढ़, आग आदि जैसे मापदंडों को लिया गया है जिससे फसल को नुकसान होता है। इसमें कुल 21 सब्जी, फल और मसाला फसलों को कवर किया जाएगा। किसानों को सब्जी एवं मसाला फसलों की 30,000 रुपये और फल फसलों की 40,000 रुपये की बीमा राशि के के लिए सिर्फ 2.5 प्रतिशत यानी क्रमश 750 रुपये और 1000 रुपये ही देने होंगे।

दावा मुआवजा सर्वेक्षण और नुकसान की चार श्रेणियों 25, 50, 75 और 100 प्रतिशत की सीमा पर आधारित होगा। यह योजना वैकल्पिक होगी और पूरे राज्य में लागू होगी। किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर अपनी फसल और क्षेत्र का पंजीकरण करते समय इस योजना का विकल्प चुनना होगा। मौसमवार फसल पंजीकरण की अवधि समय-समय पर निर्धारित एवं अधिसूचित की जाएगी। यह योजना व्यक्तिगत क्षेत्र पर लागू की जाएगी अर्थात फसल हानि का आकलन व्यक्तिगत क्षेत्र स्तर पर किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रुपये का बजट रखा जाएगा और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत राज्य और जिला स्तरीय समितियां राज्य एवं जिला स्तर पर निगरानी, समीक्षा और विवादों का समाधान करेंगी।

कैबिनेट की बैठक में सहायक अधीक्षक, जेल के रिक्त पद को भरने के लिए पंजाब जेल विभाग राज्य सेवा (श्रेणी-III कार्यकारी), नियम, 1963 के नियम 15 (1) एवं (2) और परिशिष्ट-क में संशोधन करने के जेल विभाग के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। इन नियमों को अब पंजाब जेल विभाग राज्य सेवा (श्रेणी-III कार्यकारी), हरियाणा संशोधन नियम, 2020 कहा जाएगा।

नियमों में संशोधन करना इसलिए आवश्यक हो गया था क्योंकि सहायक अधीक्षक जेल के रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार की नवीनतम हिदायतों अनुसार विभागीय सेवा नियमों मे एक विषय के रूप में हिन्दी या संस्कृत के साथ दसवीं की शैक्षणिक योग्यता को शामिल करना जरूरी था। संशोधन के अनुसार, अब सहायक अधीक्षक जेल के पदों को सीधे भरने के लिए शैक्षणिक योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी संकाय में स्नातक या समकक्ष और हिन्दी या संस्कृत के साथ मैट्रिक या उच्चतर शिक्षा होगी।

करनाल में बसताड़ा टोल प्लाजा पर हुए घटनाक्रम की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सोमनाथ अग्रवाल (सेवानिवृत्त) को जांच आयोग नियुक्त किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here