काबुलः अफगानिस्तान में सत्ता को लेकर घमासान मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि तालिबान नेता एवं तालिबान सरकार के उप प्रधानमंत्री मुल्‍ला अब्दुल गनी बरादर को बंधक बना लिया गया है। वहीं तालिबान के सुप्रीम लीडर कहे जाने वाले मुल्ला हैबतुल्‍ला अखूंदजादा की मौत की खबरें आ रही हैं। हालांक‍ि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

ब्रिटिश मैगजीन द स्‍पेक्‍टेटर ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि सत्‍ता को लेकर हुए संघर्ष में तालिबान सरकार के उप प्रधानमंत्री बरादर और आतंकवादियों का सुप्रीम लीडर अखूंजादा बुरी तरह से घायल हो गए हैं। मैगजीन के मुताबिक यह संघर्ष हक्‍कानी नेटवर्क के साथ सत्‍ता को लेकर हुआ, जिसमें हक्‍कानी नेटवर्क के नेता विजयी रहा। मैगजीन का कहना है कि पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भी हक्‍कानी नेटवर्क पर ही दांव लगाया था।

आपको बता दें कि अफगान राष्‍ट्रपति भवन में संघर्ष के बाद मुल्‍ला बरादर ने टीवी पर एक लिखित बयान को पढ़ा था जिससे उनके बंधक बनाए जाने की अटकलें और तेज हो गई थीं। विशेषज्ञों का कहना था कि बरादर से जबरन बयान पढ़ावाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह संघर्ष सितंबर में हुआ था और इस दौरान फर्नीचर और गर्म चाय से भरे बड़े-बड़े थर्मस भी फेके गए थे। झड़प के दौरान हक्‍कानी नेटवर्क का नेता खलील-उल- रहमान हक्‍कानी अपनी जगह से खड़ा हुआ और कुर्सी उठाकर मुल्‍ला बरादर की पिटाई करना शुरू कर दिया।

आपको बता दें कि इससे पहले की रिपोर्टों में कहा गया था कि तालिबान का प्रमुख चेहरा रहे मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को दरकिनार कर दिया गया है, जबकि अमेरिका और कई देशों को उम्मीद थी कि देश की कमान उन्हीं के हाथ में सौंपी जाएगी लेकिन ऐसा हो न सका। आखिकार मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया। इसके लिए तर्क दिया गया था कि कि मुल्ला बरादर अमेरिका के दबाव में आ सकते हैं और आने वाले समय में यह समूह के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

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