भोपालः बीजेपी की फायर ब्रांड नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शनिवार को यहां शराबबंदी को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया। संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि शिवराजजी और वीडी शर्माजी का मानना है कि जागरूकता अभियान से शराबबंदी की जा सकती है, लेकिन मेरा माना है कि यह बिना लट्ठ के नहीं होगा। मैं 15 जनवरी तक लोकतंत्र का पालन करूंगी। शराबबंदी के लिए जागरूकता अभियान से काम चलाऊंगी। यदि फिर भी लोग नहीं माने तो सड़क पर उतर जाऊंगी।
इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के काम की तारीफ की और कहा, “मैंने शिवराज जी से कहा था कि अबकी बार की सरकार गांधी जी के आदर्शों पर चले। मैं जब मुख्यमंत्री बनी थी, तब घोषणा पत्र में नहीं डाला था कि शराबबंदी करेंगे, लेकिन यह मेरी आत्मा में था। मैंने अधिकारियों से कहा था कि रेवेन्यू के लिए अलग से रास्ता निकालें।“ उन्होंने कहा कि कोरोना काल में यह देखा गया कि एक भी व्यक्ति शराब से नहीं मरा, क्योंकि दुकानें बंद थीं।
उमा ने कहा कि मैं नवरात्रि से गंगा जी की यात्रा पर जाऊंगी। इसका अक्षय तृतीया पर गंगा सागर में विसर्जन होगा। इसके बाद शराबबंदी की मुहिम में जुट जाऊंगी। 15 जनवरी के बाद अभियान का नेतृत्व खुद करूंगी। मैं सड़क पर आ जाऊंगी। उमा भारती ने कहा कि इस अभियान से मध्यप्रदेश की सरकार मजबूत होगी। उन्होंने शराब बंदी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की।
उन्होंने लट्ठ से शराबबंदी को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि लट्ठ से मेरा मतलब सख्त कानून से है। सख्त कानून सरकार कैसे लाएगी। वह जन दबाव को देखकर कानून लाएगी। लठ उठाने का काम किसी का भी नहीं होना चाहिए। पुलिस के कोरोना के समय लोगों को लट्ठ मारने का भी मैंने विरोध किया था। इसको लेकर मैंने अधिकारियों से भी चर्चा की थी। मेरा लट्ठ से मतलब था कि ताकत दिखा देना।