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आज लखनऊ में होगी जीएसटी काउंसिल की बैठक, पेट्रोल-डीजल की जीएसटी के दायरे में लाने पर हो सकता है विचार

लखनऊः यूपी की राजधानी लखनऊ में आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षा में जीएसटी (GST) यानी वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की बैठक होने वाले है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब अगले साल देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार इस बैठक में कई बड़े फैसले कर सकती है। यहीं कारण है कि लखनऊ में आज होने वाली जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। आपको बता दें कि कोरोना महामारी के बाद जीएसटी काउंसिल की यह पहली फिजिकल बैठक है।

माना जा रहा है कि जीएसटी  काउंसिल की बैठक में 48 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स दरों की समीक्षा की जा सकती है। सरकार इस बैठक में कोविड-19 की 11 दवाओं पर टैक्स छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का भी फैसला ले सकती है। इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया जा सकता है।

यदि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो महंगाई की मार झेल रही देश की जनता को इससे बड़ी राहत मिलेगी। जीएसटी के दायरे में आने पर पेट्रोल 28 रुपए और डीजल 25 रुपए तक सस्ता हो जाएगा। अभी देश में कई जगहों पर पेट्रोल 110 और डीजल 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच चुका है।

आपको बता दें कि सरकार ने ‘एक देश -एक दाम’ के तहत पेट्रोल-डीजल, नेचुरल गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (विमान ईंधन) को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार शुरू किया है। माना जा रहा है कि आज होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि शुरू में एक या इससे ज्यादा पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया जा सकता है।

उम्मीद की जा रही है कि आज होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में जोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलीवरी ऐप्स को रेस्टोरेंट की तरह मानने और उनके द्वारा की गई डिलीवरी पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला भी लिया जा सकता है। ऐसा हुआ तो रेस्टोरेट की बजाय फूड डिलीवरी ऐप्स को जीएसटी सरकार के पास जमा करवाना होगा, इससे ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

आज होने वाली जीएसटी की बैठक में इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा –

  • कोरोना के इलाज से जुड़े उपकरणों और दवाइयों पर टैक्स में रियायत दी जा सकती है।
  • राज्यों के राजस्व नुकसान पर बात हो सकती है।
  • सिक्किम में फार्मा और बिजली पर स्पेशल सेस की मंजूरी देने के लिए मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट पर विचार किया जा सकता है।

आपको बता दें कि जीएसटी देश में एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था। इसके तहत केंद्र और राज्यों के अलग-अलग टैक्स को खत्म कर एक टैक्स जीएसटी लागू किया किया गया था। हालांकि, पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन, नेचुरल गैस और कच्चे तेल को इसके के दायरे से बाहर रखा गया था।

Shobha Ojha

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