वाशिंगटनः अमेरिकी अंतरिक्ष केंद्र नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस रिसर्च सेंटर से फॉल्कन-9 रॉकेट के जरिए चार लोगों को अंतरिक्ष में भेजकर अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने आज इतिहास रच दिया। फॉल्कन-9 रॉकेट की लॉन्चिंग भारतीय समयानुसार गुरुवार को सुबह 5:33 बजे हुई। इसके करीब 12 मिनट बाद ड्रैगन कैप्सूल रॉकेट से अलग हो गया।
यह कैप्सूल 357 मील यानी करीब 575 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में तीन दिन चक्कर लगाएगा। आपको बता दें कि 2009 के बाद पहली बार इंसान इतनी ऊंचाई पर पहुंचा है। मई 2009 में वैज्ञानिक हबल टेलिस्कोप की रिपेयरिंग के लिए 541 किलोमीटर की ऊंचाई पर गए थे। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर अंतरिक्ष यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन यह 408 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। इस मिशन को इंस्पिरेशन 4 नाम दिया गया है।
इस मिशन का उदेश्य अमेरिका के टैनेसी स्थित सेंट जूड चिल्ड्रन रिसर्च हॉस्पिटल के लिए फंडिंग जुटाना है। इस मिशन का नेतृत्व कर रहे इसाकमैन इससे 20 करोड़ डॉलर जुटाना चाहते हैं। इसकी आधी रकम वे खुद देंगे। इस मिशन से कैंसर के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई जाएगी। इस मिशन के सदस्यों को अलग-अलग ह्यूमन वैल्यू दी गई हैं। जैसे लीडरशिप, होप, इंस्पिरेशन और प्रॉस्पैरिटी। मिशन की एक सदस्य सेंट जूड चिल्ड्रन रिसर्च हॉस्पिटल में फिजिशियन असिस्टेंट भी हैं और कैंसर सर्वाइवर हैं। उनका कैंसर का इलाज इसी हॉस्पिटल में हुआ है।
Liftoff of @Inspiration4X! Go Falcon 9! Go Dragon! pic.twitter.com/NhRXkD4IWg
— SpaceX (@SpaceX) September 16, 2021
फॉल्कन-9 रॉकेट क्रू मेंबर?
- जेयर्ड इसाकमैन: इस मिशन की पूरी कमांड इन्ही के हाथों में है। 38 साल के इसाकमैन शिफ्ट4पेमेंट नामक पेमेंट कंपनी के फाउंडर और सीईओ (CEO) यानी मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। 16 साल की उम्र में ही उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत की थी और आज वे अरबपति हैं। वे प्रोफेशनल पायलट हैं और अपनी पायलट ट्रेनिंग कंपनी के जरिए अमेरिकी एयरफोर्स के पायलट्स को ट्रेनिंग देते हैं।
- हेयली आर्केनो: ये कैंसर सर्वाइवर हैं। 29 साल की हेयली अंतरिक्ष में जाने वाली सबसे कम उम्र की अमेरिकी नागरिक हैं। उन्हें हड्डियों का कैंसर था और उनका इलाज टैनेसी के सेंट जूड हॉस्पिटल में हुआ था। मिशन में हेयली को मेडिकल ऑफिसर की जिम्मेदारी मिली है।
- शॉन प्रोक्टर: 51 वर्षीय प्रोक्टर एरिजोना के एक कॉलेज में जियोलॉजी की प्रोफेसर हैं। इसके पिता अपोलो मिशन के दौरान नासा के साथ काम कर चुके हैं। वे खुद कई बार नासा के स्पेस प्रोग्राम में पार्टिसिपेट कर चुकी हैं।
- क्रिस सेम्ब्रोस्की: 42 वर्षीय क्रिस अमेरिकी एयरफोर्स के पायलट रह चुके हैं और इराक युद्ध में भी शामिल थे। फिलहाल क्रिस एयरोस्पेस और डिफेंस निर्माता कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ काम कर रहे हैं।
क्या है मिशन की खासियत?
- धरती की कक्षा में जाने वाला ये पहला नॉन प्रोफेशनल एस्ट्रोनॉट्स का क्रू है। इस मिशन के चारों सदस्य इससे पहले कभी अंतरिक्ष में नहीं गए हैं। चारों आम नागरिक हैं।
- इससे पहले ब्लू ओरिजिन और वर्जिन स्पेस शिप ने भी प्राइवेट स्पेस टूरिज्म की शुरुआत करते हुए उड़ान भरी थी, लेकिन ये दोनों स्पेसक्राफ्ट एज ऑफ स्पेस तक ही गए थे। दूसरी ओर इसाकमैन का स्पेसक्राफ्ट धरती की ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा। दूरी के लिहाज से देखा जाए तो ये पहले के दोनों स्पेसक्राफ्ट से करीब 475 किलोमीटर ज्यादा दूर जाएगा।
- ब्लू ओरिजिन और वर्जिन स्पेस शिप के मिशन कुछ मिनटों के ही थे। वे लोग स्पेस में गए और कुछ मिनटों बाद दोबारा धरती पर लौट आए, लेकिन ये मिशन तीन दिन का है।
- इस स्पेसक्राफ्ट में दो ट्रेन्ड पायलट हैं, लेकिन स्पेसक्राफ्ट को ऑपरेट करने में उनका कोई रोल नहीं है। वर्जिन स्पेस शिप को दो पायलट ऑपरेट कर रहे थे।